आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बुलंदशहर हिंसा के लिए बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल ने योगी सरकार की कार्यशैली को दोषी ठहराया है। रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिये गये वक्तव्यों व अपनाई गयी कार्यशैली का ही परिणाम बुलंदशहर की अमानवीय घटना है।
प्रदेश अध्यक्ष ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने कुर्सी संभालते ही एक ओर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों का यह कहकर मन बढाया कि जो भी अपराधी मिले उसे ठोक दों, जिसका परिणाम यह हुआ है कि अनेक निर्दोष मारे गए। दूसरी ओर हिन्दू युवा वाहिनी, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का यह कहकर मन बढाया कि कार्यकर्ताओं की शिकायत पर अधिकारियों पर कार्यवाही होगी।
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जिसके परिणामस्वरूप दोनो ही वर्ग पुलिस और भाजपा एवं उसके सहयोगी संगठन प्रदेशभर में कई बार आमने- सामने हो चुके हैं, जिसमें कहीं पर पुलिसवालों को थप्पड़ मारा गया है तो कही पर भाजपा और दूसरे सहयोगी संगठनों के लोग पुलिस द्वारा मारे गये हैं। वह इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि बुलंदशहर की घटना विकराल रूप लेकर सामने आयी है, जिसमें पुलिस कोतवाल के साथ सरकार समर्थित कार्यकर्ता भी मारा गया है।
मसूद अहमद ने योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि सीएम द्वारा आर्थिक सहायता देने से मृतक व्यक्तियों के परिवार की क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती है, क्योंकि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हार्दिक इच्छा अपने बेटे और बेटियों को उच्च स्तर तक पहुंचाने के साथ स्वयं भी पुलिस विभाग के उच्च पद तक पहुंचने की रही होगी और सुमित सिंह अभी नवयुवक था। उसके परिवार की बहुत कुछ आशाएं उससे जुडी रही होंगी क्या योगी आदित्यनाथ द्वारा दी गयी आर्थिक सहायता मृतकों के परिवार के सदस्यों के जख्मों पर मरहम लगा सकेगी?
आवश्यकता इस बात की है कि प्रदेश में फैली अराजकता से सबक लेकर मुख्यमंत्री अपनी कार्यशैली और वक्तव्यों में सुधार करें, अन्यथा मुख्यमंत्री पद त्याग कर अपने मठ वापस चले जाएं। साथ ही रालोद ने बुलंदशहर की घटना की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग भी की।
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