आरयू वेब टीम।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने देशद्रोह से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को समाप्त करने की पैरवी करते हुए बुधवार को कहा कि वर्तमान में इस औपनिवेशिक कानून की आवश्यकता नहीं है।
इस संबंध में सिब्बल ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ट्वीटर आकाउंट से एक ट्वीट कर कहा है कि ‘देशद्रोह के कानून (आइपीसी की धारा 124ए) को खत्म किया जाए। यह औपनिवेशिक है।’
वहीं ट्वीट के माध्यम से इशारों में भाजपा पर हमला बोलते हुए सिब्बल ने कहा, ‘असली देशद्रोह तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग संस्थाओं के साथ छेड़छाड़ करते हैं, कानून का दुरुपयोग करते हैं, हिंसा भड़काकर शांति और सुरक्षा की स्थिति खराब करते हैं।’ सिब्बल ने कहा, ‘इन लोगों को 2019 (लोकसभा चुनाव) में दंडित करिये। सरकार बदलो, देश बचाओ।’
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Scrap sedition law (section 124A,IPC) , a colonial hangover
Real sedition is when those in power manipulate institutions , misuse the law , breach peace and security by inciting violence
Punish them in 2019
Sarkar badlo Desh bachao
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 16, 2019
सिब्बल का यह बयान ऐसे समय आया है जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में तीन साल पहले हुई कथित देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है, जिसमें धारा 124ए भी लगाई गयी है।
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बताते चलें कि जेएनयू में नौ फरवरी 2016 को कथित देश विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार को स्पेशल सेल कोर्ट में चार्जशीट दायर की। चार्जशीट में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान सहित 10 छात्रों पर राजद्रोह (124-ए) का आरोप लगा है। जेएनयू में 2016 में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में पुलिस ने सोमवार को 12 सौ पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।