आरयू वेब टीम।
बीती रात उत्तराखण्ड सहित उत्तर भारत में भूकंप के झटके के बाद हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट ने आने वाले समय में 9 की तीव्रता से भूकंप आने के संकेत देना शुरू कर दिया है। भूगर्भ वेत्ताओं ने हिमालयी पट्टी पर बडे़ पैमाने पर भर रही ऊर्जा के कारण इसकी भविष्यवाणी की है।
इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट के जितनी नीचे धंसती जाएगी हिमालयी क्षेत्रों में भूकंप के उतने तेज झटके होंगे। यहां भूगर्भ में भर रही ऊर्जा के कारण नए भूकंप जोन भी सक्रिय कर सकती है।
ऐसी स्थिति का अनुमान लगाकर वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान द्वारा हिमायल के अलग-अलग क्षेत्रों में करीब दस ब्रॉड बैंड सीइसमोग्राफ संयंत्र लगाए गए हैं।
इंडियन और यूरेशियन प्लेट में चल रही टकराहट से लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। नीचे ऊर्जा का दबाव बढ़ने पर हजारों सालों से हिमालयी क्षेत्र में सुसुप्तावस्था में पड़ी भूकंप पट्टियां सक्रिय हो गई हैं। यह ऊर्जा भूकंप की शक्ल में बाहर निकल सकती हैं।
हालांकि वैज्ञानिक अभी अंदाज लगा रहे हैं कि यह ऊर्जा कहां से निकलेगी। उसी लिहाज से नए जोन चिन्हित होंगे। उत्तराखंड सहकारिता आपदा पुनर्वास प्रबंधन के पदाधिकारी एसए अंसारी ने मीडिया को बताया कि हिमालयी क्षेत्र में जिस तरह ऊर्जा लॉक है, उससे बड़े भूकंप की आशंका बनी हुई है।