आरयू वेब टीम।
इशरत जहां कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारियों डी. जी. वंजारा और एन. के. अमीन को गुरुवार को सीबीआइ की विशेष अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया है। गुजरात सरकार की ओर से दोनों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति सीबीआइ को नहीं मिलने के बाद वंजारा और अमीन ने आरोपमुक्त करने की अर्जी दी थी।
दरअसल, सीबीआइ ने सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा और एनके अमीन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन गुजरात सरकार ने मार्च 2019 में ही उन दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। उसी के मद्देनजर सीबीआइ कोर्ट ने गुरुवार को उन दोनों को आरोप मुक्त किए जाने का अहम फैसला सुनाया।
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दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत सरकारी ड्यूटी के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा किए गए काम के सिलसिले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मिलना अनिवार्य है।
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गौरतलब है कि मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली 19 वर्षीय इशरत, जावेद शेख उर्फ प्राणेश पिल्लै, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर की 15 जून, 2004 में अहमदाबाद के बाहर पुलिस के साथ हुई कथित फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी। पुलिस ने दावा किया था कि वे लोग आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के लिए गुजरात आए थे।