आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आज बेसिक शिक्षा परिषद उस दिशा में अग्रसर है, जहां वो अपने स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ उन्हें एक स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित कर अपने क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए आमंत्रित कर सकता है। हमको बालक और बालिकाओं के अंदर परिश्रम का भाव पैदा करना होगा और उन्हें मुश्किलों का सामना करना सिखाना होगा।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित में शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक 49 शिक्षकों को ‘राज्य शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित कर कही। इस दौरान शिक्षकों को 25-25 हजार रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मौके पर मुख्यमंत्री योगी ने प्रेरणा एप का लोकार्पण किया। जिसकी मदद से विद्यार्थियों व शिक्षकों की उपस्थिति से लेकर मिड डे मील पर नजर रखी जाएगी।
इस दौरान कार्यक्रम मे मौजूद बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि हमारा संकल्प है कि अगले ढाई वर्ष में प्रदेश की बेसिक शिक्षा को इस स्तर तह पहुंचाया जाए कि सरकार के कार्यकाल के बाद देश और विदेश से लोग यूपी की बेसिक शिक्षा पर शोध और अध्ययन करने यूपी आएं।
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शिक्षकों को संबोधित करते हुए सतीश द्विवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश की बेसिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने का संकल्प लिया है। विभाग इस संकल्प को सिद्घि तक पहुंचाएगा और अगले ढाई वर्ष में बेसिक शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे। सीएम योगी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार की सबसे बड़ी यूएसपी है कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।
इतना ही नही उन्होंने बीते 10 दिन में जो भी नवाचार किया गया वह मुख्यमंत्री योगी के अनुभव व विचार से ही संभव हुआ। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी के जरिए आवेदन नहीं करना होगा। अगर शिक्षक खुद को पुरस्कार के योग्य मानता है तो वह खुद सीधे विभाग को आवेदन कर सकेंगे।