आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आए दिन पत्रकारों के उत्पीड़न और बदले की भावना से की जा रही कार्रवाईयों के विरोध में मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष व इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्ल्यूजे) उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी व यूपीडब्लूजेयू अध्यक्ष भास्कर दुबे ने योगी सरकार को ज्ञापन देकर दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर बिना देर किए कारवाई की मांग की है।
आज कैबिनेट बैठक के बाद लोकभवन में योगी सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को ज्ञापन सौंपकर विभिन्न जिलों में पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमों को समाप्त करने और उन्हें सुरक्षा देने की पत्रकारों के संगठन ने मांग की है। इस दौरान पत्रकारों ने मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश अवस्थी को भी ज्ञापन दिया गया है।
लोकभवन में ज्ञापन सौंपते हुए हेमंत तिवारी और भास्कर दुबे ने कहा कि पिछले कुछ समय से प्रदेश भर में पत्रकारों को समाचार संकलन व प्रकाशन सहित संप्रेषण में प्रशासन की ओर से बाधाएं खड़ी की जा रही हैं और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें- UP में फिर दिखा गुंडाराज, घर में दिनदहाड़े घुसकर पत्रकार व सगे भाई की गोली मारकर हत्या, इलाके में रोष के साथ दहशत
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मिर्जापुर में मिड डे मील में धांधली को उजागर करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल को उलटे मुकदमें में फंसा दिया गया। वहीं आजमगढ़ में बिना नंबर की स्कार्पियों रखने वाले पुलिस अधिकारी पर खबर दिखाने वाले पत्रकार संतोष जायसवाल पर झूठा मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया, जबकि बिजनौर में दलित बिरादरी के लोगों का दंबगों के पानी बंद किए जाने की खबर लिखने पर दैनिक जागरण व न्यूज 18 सहित पांच पत्रकारों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं राजधानी लखनऊ में भी पत्रकार असद रिजवी को मुहर्रम से संबंधित खबर लिखने पर पुलिस ने घर पहुंचकर धमकाया है।
सीएम पर टिप्पणी करने वाले प्रशांत कन्नौजिया को इन शर्तों के साथ जेल से मिली रिहाई, पत्रकार ने कहा संविधान पर पूरा भरोसा
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति अध्यक्ष व इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन सहित बड़ी संख्या में अन्य पत्रकार संगठन इन सभी प्रकरणों को लेकर न केवल विरोध दर्ज करा चुके हैं, बल्कि सक्षम अधिकारियों से वार्ता कर पत्रकारों का उत्पीड़न रोकने, उनके खिलाफ मुकदमे वापस लेने व दोषी अधिकारियों पर कारवाई करने की मांग कर चुके हैं। अब तक कोई कारवाई दोषियों के खिलाफ नहीं हो पाई है।
प्रदेश सरकार को आज दिए गए ज्ञापन के माध्यम से सरकार से मांग की गई है कि देश के कई अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए। साथ ही पत्रकारों पर झूठे व बदले की भावना से दर्ज मुकदमें तत्काल वापस लिए जाएं और पत्रकारों पर उत्पीड़नात्मक कारवाई करने वाले अधिकारियों पर कारवाई की जाए।
यह भी पढ़ें- महिला पत्रकार का गाल थपथपा कर घिरे राज्यपाल ने मांगी माफी, सोशल मीडिया पर गुस्सा
ज्ञापन में प्रदेश व जिला स्तर पर पत्रकारों की स्थाई समिति को पुनर्जीवित करते हुए उसमें मान्यता समिति व अन्य पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल करने और मिर्जापुर प्रकरण में दोषी जिलाधिकारी के खिलाफ अविलंब कारवाई करते हुए पत्रकार पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की गई है। इसके अलावा बिजनौर, आजमगढ़ सहित अन्य इस तरह के प्रकरणों में दर्ज मुकदमों को वापस लेने व दोषियों पर कारवाई की अपील की गई है। वहीं योगी सरकार ने पत्रकारों की मांगों पर अविलंब कारवाई का आश्वासन दिया है।