आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर भ्रष्टाचार, लापरवाही व मनमानी करने वाले अफसरों को खुला संदेश दिया है। सरकार ने सात प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारियों की पुलिस विभाग से हमेशा के लिए जबरन छुट्टी कर दी है।
यह भी पढ़ें- योगी सरकार ने कमिश्नर रैंक के पांच अधिकारियों समेत तीन डिप्टी SP को दी अनिर्वाय सेवानिवृत्ति
मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी ओप सिंह ने ये फैसला 50 साल से ऊपर वाले अधिकारियों के लिए बनाए गए अनिवार्य सेवानिवृत्ति के नियमों के तहत किया है। कहा जा रहा है कि शिकायतों की जांच में इन अधिकारियों के खिलाफ गंभीर मामले पाए गए हैं। सरकार के इस कदम से बेइमान, लापरवाह व मनमानी करने वालों अधिकारियों ने एक बार फिर से खलबली मच गयी है।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सहायक सेनानायक अरुण कुमार, अयोध्या के पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार राना, आगरा के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह राना, 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी के सहायक सेनानायक रतन कुमार यादव, 27वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर के सहायक सेनानायक तेजवीर सिंह यादव, मुरादाबाद के मण्डलाधिकारी संतोष कुमार सिंह, 30वीं वाहिनी पीएसी गोण्डा के सहायक सेनानायक तनवीर अहमद खां को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गई है। सरकार ने स्क्रीनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर निर्णय लेते हुए इन अफसरों को सेवानिवृत्ति दे दी।