आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी कामों में सुधार लाने और भ्रष्ट के साथ सुस्त अफसरों को सबक देने के दावे के साथ आज योगी सरकार ने एक-दो नहीं बल्कि आठ अफसरों की छुट्टी कर दी। अनिवार्य सेवानिवृत्ति पाने वालों में आठ अधिकारी 50 साल से अधिक उम्र वाले थे। प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई से सेवानिवृत्ति की ओर बढ़ रहे भ्रष्ट और सुस्त अफसरों में खलबली मच गयी है।
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कार्रवाई के दायरे में आने वालों में वाणिज्य कर विभाग के पांच अधिकारियों के साथ ही पुलिस विभाग के तीन डिप्टी एसपी शामिल हैं। कहा जा रहा है सरकार की ओर से की गई यह कार्रवाई स्क्रीनिंग कमेटी की रिर्पोट के आधार पर की गयी है।
50 साल से ऊपर वाले भ्रष्ट और कामचोर निशाने पर
बताते चलें कि सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने 50 साल की उम्र पार कर चुके अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात कही थी। सरकार का दावा है कि इसके दायरे में उन्हीं लोगों को रखा जाएगा, जिनका रिकॉर्ड काम और ईमानदारी के मामले में सही नहीं है। संदिग्ध अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन भी किया गया है।
इनकी हुई छुट्टी
इसी कमेटी की रिर्पोट के आधार पर आज वाणिज्य कर विभाग के एडिश्नल कमिश्नर केशव लाल, ज्वॉइंट कमिश्नर अनिल कुमार अग्रवाल व हरीराम चौरसिया, डिप्टी कमिश्नर कौशलेश और असिस्टेंट कमिश्नर इंद्रजीत यादव समेत पुलिस विभाग में डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी केशव करन सिंह, कमल यादव और श्योराज सिंह को अनिवार्य सेवानिवृति प्रदान कर दी।
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