आरयू वेब टीम। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 2019 का यह आखिरी सत्र है और यह बेहद महत्वपूर्ण सत्र भी है, क्योंकि यह राज्यसभा का 250वां सत्र है। उसी प्रकार से इसी सत्र के दरमियान 26 तारीख को हमारा संविधान दिवस है, जबकि हमारे संविधान को 70 साल हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान देश की एकता, अखंडता और भारत की विविधता को समेटे हुए हैं। देश के लिए वह एक चालक ऊर्जा शक्ति है। पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों के नेताओं से मिलने का मौका मिला है। इस दौरान उन्होंने पिछले सत्र के लिए सभी नेताओं और सांसदों को शुक्रिया कहा और उम्मीद जताई कि इस सत्र में उत्तम संवाद होगा। साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं। वाद हो, विवाद हो, संवाद हो, हरेक कोई अपनी बुद्धि शक्ति का प्रचुर मात्रा में काम करें।
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आज से शुरू शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के उद्देश्य से नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत 27 अहम बिल पेश करेगी। नागरिकता कानून में बदलाव के जरिए सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के बाद भारत आकर बसे गैर-मुस्लिमों जैसे- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को स्थाई नागरिकता देना चाहती है। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी नागरिकता विधेयक को संसद में पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।