आरयू ब्यूरो, लखनऊ। राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल में अब तक 104 बच्चों की हुई मौत मामले में चौतरफा सवालों से घिरी गहलोत सरकार को सपा मुखिया अखिलेश यादव का साथ मिला है। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा, ‘उन्हें कोटा में शिशुओं की मौत की चिंता है, लेकिन गोरखपुर में हजार बच्चों की मौत के बारे में कब विचार करेंगे?
सपा मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अखिलेश ने आरोप लगाया कि गोरखपुर में बीते 12 महीने के दौरान एक हजार बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने इस पर राज्य सरकार को घेरते हुए सवाल पूछा कि इन बच्चों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। वहीं ये भी आरोप लगया कि गोरखपुर में दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों को गलत दवाइयां दी जा रही थीं जिससे कि इससे जुड़ी सच्चाई सामने न आ सके।
जल्दी ही मृतक बच्चों की सूची करेंगे जारी
साथ ही अखिलेश ने कहा कि वो जल्दी ही मृतक बच्चों की सूची जारी करेंगे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा बच्चों को गलत दवाइयां क्यों दी गईं? इसके लिए कौन जवाबदेह है? उसका जिम्मेदार कौन है। इस तरह का अमानवीय कार्य पूरी दुनिया में नहीं हुआ। सपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि बच्चों की मौत गंभीर मामला है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। गोरखपुर में मृतक बच्चों की संख्या अधिक भी हो सकती है। समाजवादी पार्टी के सरकार में आने पर पूरा आंकड़ा जारी किया जाएगा।
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इतना ही नहीं सपा सुप्रीमो ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज हम एक्सपोर्ट में पीछे जा रहे है। आज सरकार बातये की बैंक क्यों डूब रहे हैं। उद्योगपति क्यों डरे हुए है। अर्थव्यवस्था और बैंकिंग सिस्टम तो बेहद गंभीर हालत में है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाले लोग ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आरोप प्रत्यारोप में लगे है। सरकार के अधिकारी ही आरोप लगाने में परेशान हैं। आईपीएस वैभव कृष्ण मामले पर उन्होंने कहा कि आईपीएस खुद आरोप लगा रहे हैं।
अब रोजगार पर बात नहीं करती भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री ने योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आज सत्ता पर काबिज भाजपा अब रोजगार पर बात नहीं करती है। सर्वोच्च पद पर बैठे लोग नही चाहते है कि रोजगार पर बहस हो। भाजपा तो जनता को सीएए तथा एनपीआर में उलझाना चाहती है। भाजपा चाहती है कि विकास तथा रोजगार पर बहस न हो, जिससे कोई मुख्य मुद्दों पर न बात हो।
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इस दौरान एक बार फिर अखिलेश ने नागरिकता संशोधन कानून व एनआरसी व एनपीआर को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सीएए लागू करने के बाद भाजपा समाज को बांटना चाहती है। उसकी मंशा भी है कि समाज बंट जाए। सीएए के विरोध में हिंसक प्रदर्शन के दौरान जिसकी भी जान गई है उन सब की जान पुलिस की गोली से गई है। सरकार तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बदल सकती है। हम एनआरसी व एनपीआर के लिए कोई कागजात नहीं दिखाएंगे। सभी मुद्दे इसीलिए उठाए जा रहे हैं, जिससे की जनता का ध्यान बांटा जाए।