आरयू वेब टीम। कोटा स्थित एक चिकित्सालय में नवजात शिशुओं की मौत के बाद विरोधियों के हमले झेल रही राजस्थान सरकार ने गुरुवार को मामले में संवदेनशील होने की बात कही है। साथ ही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने विरोधियों को भी नसीहत दी है कि इस मामले में राजनीत न करें।
मुख्यमंत्री ने आज बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार शिशुओं की मौत पर पूरी तरह संवेदनशील है और इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए।
इस मामले को लेकर गहलोत ने ट्वीट कर कहा है, ‘‘जेके लोन अस्पताल, कोटा में हुई बीमार शिशुओं की मृत्यु पर सरकार संवेदनशील है। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे। मां और बच्चे स्वस्थ रहें, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’
यह भी पढ़ें- बिहार में 126 मासूमों की मौत व विपक्ष के हमले के बाद CM नीतीश कुमार ने किया अस्पताल का दौरा, जनता ने की नारेबाजी
वहीं सीएम ने अपने दूसरे ट्वीट मे कहा कि ‘‘राजस्थान में बच्चों के आइसीयू की स्थापना सबसे पहले हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में बच्चों के आइसीयू की स्थापना हमने 2011 में की थी।’’
वहीं अपने एक अन्य ट्वीट में सीएम ने कहा कि ‘‘निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। ‘‘हम उनसे विचार विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिये तैयार हैं।’’इस दौरान मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि किसी भी दबाव में आये बिना तथ्य प्रस्तुत करे।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के कोटा में स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा सौ तक पहुंच गया है। जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने गहलोत सरकार और कांग्रेस पर हमला बोला है। जहां एक ओर भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि 100 बच्चों की मौत इतनी भी मामूली नहीं है कि मीडिया अपनी आंखें मूंद ले।
यह भी पढ़ें- बदायूं के महिला जिला अस्पताल में 50 दिन में 32 बच्चों की मौत
तो दूसरी तरफ बसपा प्रमुख मायावती ने सीएम गहलोत और प्रियंका गांधी को आज निशाने पर लेते हुए कहा कि राजस्थान सरकार इस मामले को लेकर असंवेदनशील बनी हुई है, जबकी कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव का इस मामले में चुप्पी साधे रखना अति दुःखद है। वहीं मायातवी ने यूपी में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रियंका गांधी द्वारा उठाए जा रहे कदम की ओर इशारा करते हुए कहा कि अच्छा होता कि वह यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित मांओं से भी जाकर मिलती।