बिहार में 126 मासूमों की मौत व विपक्ष के हमले के बाद CM नीतीश कुमार ने किया अस्‍पताल का दौरा, जनता ने की नारेबाजी

एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम

आरयू वेब टीम। बिहार में मासूमों के लिए काल बने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार ने अब तक 126 बच्‍चों की जिंदगी छीन ली है। 17 दिन पहले शुरू हुए मौत के इस भयावह सिलसिले ने अकेले मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) में अब तक 89, जब‍कि वहीं के केजरीवाल अस्पताल में 19 मासूमों की जान ले चुका है। मासूमों की लगातार हो रही मौतों से जहां बिहार में कोहराम मचा है, वहीं आम जनता भी अब सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है, इसके अलावा विपक्षी दलों ने भी बिहार की सरकार पर तीखे हमले करना तेज कर दिया है।

इन सबके बीच आखिरकार मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर पहुंचकर एसकेएमसीएच का दौरा किया। इस दौरान सीएम ने अस्‍पताल में भर्ती मासूमों का हाल जानने के साथ ही डॉक्‍टरों व अधिकारियों को उनके उपचार को बेहतर से बेहतर बनाने का निर्देश दिया। सौ से ज्‍यादा बच्‍चों की बुखार के चलते जान जाने के बाद सीएम के अस्पताल पहुंचने की जानकारी लगने पर लोगों का गुस्‍सा आज फूट पड़ा। नीतीश कुमार के अस्‍पताल में मौजूदगी के दौरान ही सैकड़ों लोगों ने अस्‍पताल परिसर में नारेबाजी करने के साथ ही प्रदर्शन कर अपना गुस्‍सा जाहिर किया।

यह भी पढ़ें- बिहार में चमकी बुखार से 100 बच्चों की मौत से लोगों में आक्रोश, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ मुकदमा

दूसरी ओर मंगलवार की सुबह एसकेएमसीएच के सुपरिंटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने मीडिया को जानकारी दी कि कुल मिलाकर अस्पताल में 330 बच्चों को एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के चलते भर्ती करवाया गया, जिनमें से सौ को इलाज के बाद छुट्टी दी जा चुकी है, और 45 बच्चों को आज डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

बताते चलें कि 17 दिनों से मासूमों की बुखार से मौत के सिलसिले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार बैठक बुलाई थी। जिसके बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने मीडिया से कहा था कि सरकार ने फैसला किया है कि उनकी टीम हर उस घर में जाएगी जिस घर में इस बीमारी से बच्चों की मौत हुई है, टीम बीमारी के बैक ग्राउंड को जानने का प्रयास करेगी, क्योंकि सरकार अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि आखिर इस बीमारी का कारण क्या है। कई विशेषज्ञ इसकी वजह लीची वायरस बता रहे हैं, लेकिन कई ऐसे पीड़ित भी हैं, जिन्होंने लीची नहीं खाई।

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप कांड के विरोध में बिहार बंद पर SC  ने लिया स्‍वत: संज्ञान, मीडिया को भी लगाई फटकार

वहीं सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है, जिस पर 24 जून को सुनवाई होगी। तमन्ना हाशमी का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने गलत आंकड़े पेश किए हैं, अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बेहद खराब है। इसी को आधार मानकर केस दर्ज कराया गया है।