किसान यात्रा में शामिल होने जा रहे अखिलेश यादव को पुलिस ने हिरासत के चार घंटे बाद किया रिहा

किसान यात्रा
पुलिस हिरासत में लिए गए अखिलेश यादव।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों  के समर्थन में सपा द्वारा सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित किसान यात्रा में शिरकत से रोके जाने के विरोध में अखिलेश धरने पर बैठे, जिसके बाद पुलिस ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया और करीब चार घंटे बाद अखिलेश को रिहा कर दिया गया। इसके बाद वह अपने आवास लौट गए। इस दौरान अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सांसद होने के नाते इसे अपने विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की।

सपा अध्यक्ष को आज कन्नौज में किसान यात्रा में शामिल होना था, मगर उससे पहले ही पुलिस ने उनके घर और पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका बैरिकेड लगाकर सील कर दिया। अखिलेश कन्नौज जाने के लिये अपने घर से निकले तो पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली। इससे नाराज पूर्व मुख्यमंत्री धरने पर बैठ गये। बाद में उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस वैन में बैठा दिया गया और इको गार्डन ले जाया गया। पुलिस ने करीब चार घंटे बाद अखिलेश यादव को रिहा किया।

धरने के दौरान अखिलेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा भाजपा का यह तानाशाहीपूर्ण रवैया है। उसने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं। भाजपा के लिये कोई कोरोना नहीं है। सिर्फ विपक्षियों के लिये है। भाजपा देश में कहीं भी सभाएं और चुनाव प्रचार कर ले, उसके लिये कोई कोरोना नहीं है। सरकार कोरोना के सहारे लोकतंत्र का गला घोंटना चाहती है।

सपा मुखिया ने आगे कहा कि केवल पार्टी कार्यालय में ही नहीं, बल्कि सरकार हर सपा कार्यकर्ता को अपमानित कर रही है। हम अपने घर से निकल कर किसानों में अपनी बात रखते, जिस कानून को लेकर किसान दिल्ली घेरकर बैठा है, सरकार उसे वापस क्यों नहीं ले रही है? सरकार पर अविश्वास बढ़ रहा है। सरकार अब बचने वाली नहीं है। इस बीच, अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा राज्य सरकार का यह अलोकतांत्रिक व्यवहार मेरे नागरिक अधिकारों का हनन है। यह मामला सांसद होने के नाते मेरे विशेषाधिकार के हनन का भी है। कृपया तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि अपनी लोकतांत्रिक गतिविधियों को सम्पन्न करने का मेरा अधिकार बहाल हो सके।

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वहीं गौतमपल्ली थानाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह ने को बताया कि सपा मुखिया अखिलेश यादव का आज कन्नौज जाने का कार्यक्रम था, लेकिन वहां के जिलाधिकारी ने धारा 144 लागू होने और कोरोना महामारी के मद्देनजर उनके कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी है। लिहाजा, सपा दफ्तर को जाने वाले विक्रमादित्य मार्ग के हिस्से को सील करने की कार्रवाई की गई है।’’ इसके पूर्व, नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। उनमें से कई को हिरासत में भी ले लिया गया। पुलिस ने पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य मुख्यालय के अंदर ही भेजने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया।

पुलिस की इस कार्रवाई से नाराज पार्टी के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप, वरिष्ठ नेता मोहम्मद एबाद समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और अधिवक्ता इकाई के सदस्य मौके पर पहुंचे और उनकी पुलिस से तीखी झड़प और धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी ले लिया।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पुलिस प्रशासन की इस कारर्वाई को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा है कि सरकार अखिलेश के किसान यात्रा में शामिल होने मात्र से भयभीत हो गई है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है और सरकार इसका हनन करने पर तुली हुई है। चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसान यात्रा के सपा के कार्यक्रम से इतनी डरी हुई है कि वह हर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को रोक रही है।

गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन और किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर सपा सोमवार से पूरे प्रदेश में किसान यात्राएं शुरू कर रही है। इसके तहत अखिलेश को कन्नौज में आयोजित यात्रा में शिरकत करनी है। उनका ठठिया मंडी से तिर्वा के किसान बाजार तक 13 किलोमीटर की यात्रा का कार्यक्रम है।

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