आरयू वेब टीम। केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे कोरोना वायरस से निपटने के लिए लागू किए लॉकडाउन के निमयों का सख्ती से पालन करें। साथ ही कहा कि उसकी ओर से जारी गाइडलाइंस को राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, शिथिल नहीं कर सकते और इस अवधि के दौरान राज्य अपनी गतिविधियों की इजाजत नहीं दे सकते। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय गृह सचिव ने कहा है कि केवल उन्हीं गतिविधियों/सेवाओं को संचालन की अनुमति दी जाती है जिसकी इजाजत केंद्र सरकार ने अपनी दिशा निर्देशों में दी है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से कहा कि कुछ राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश उन गतिविधियों की अनुमति दे रहे, जिनकी आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार इजाजत नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे पुन: अपील करूंगा कि संशोधित समेकित दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए। सभी संबंधित प्राधिकारी इनमें ढील दिए बिना शब्दश: इनका सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करें और बंद के नियमों के सख्ती से अनुपालन को सुनिश्चित किया जाए।’’
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केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों और राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के लिए समेकित संशोधित दिशा-निर्देश 15 अप्रैल को जारी किए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंद की अवधि तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी जिसके बाद ये दिशा-निर्देश जारी किए गए।
साथ ही गृह मंत्रालय ने कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए देश के सभी हिस्सों में दिशा-निर्देशों का सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है। गृह सचिव ने उन दिशा-निर्देशों पर मुख्य सचिवों का ध्यान आकर्षित किया जिनमें कहा गया है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश किसी भी तरीके से इनमें ढील नहीं देंगे और इन्हें सख्ती से लागू करेंगे, हालांकि वे स्थानीय क्षेत्रों की आवश्यकतानुसार दिशा-निर्देशों से भी कड़े नियम लागू कर सकते हैं।
भल्ला ने सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी का भी जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि सभी राज्य सरकारें, सरकारी प्राधिकारी एवं नागरिक जन स्वास्थ्य के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों का शब्दश: पालन करें।