आरयू वेब टीम। कोरोना संकट से जूझ रहे देशभर में जारी लॉकडाउन के कारण खाली हो रहे सरकारी खजाने को भरने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार रात पेट्रोल-डीजल पर एक्साइड ड्यूटी में बड़ा इजाफा कर दिया है। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर दस रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है, लेकिन आम उपभोक्ताओं के लिए अच्छी बात यह है कि इससे खुदरा कीमतें नहीं बढ़ेंगी, बल्कि कंपनियों कच्चे तेल के मूल्य गिरावट से इसका एडजस्टमेंट करेंगी।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स की अधिसूचना के अनुसार, स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल पर दो रुपये बढ़ाई गई है। रोड सेस में आठ रुपये का इजाफा किया गया है। डीजल के मामले में स्पेशल एडीशनल एक्साइज ड्यूटी पांच रुपये और रोड सेस आठ रुपये बढ़ाया गया है।
साथ ही पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 32.98 रुपये और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इससे केंद्र सरकार 1.6 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। वहीं सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ”ड्यूटी में इजाफे से मिलने वाले धन को इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरे विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
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वहीं इससे पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाया है। पेट्रोल पर वैट 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया। डीजल पर वैट 16.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया। यानी दिल्ली में आज से पेट्रोल 1.67 और डीजल 7.10 महंगा हुआ। दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल 71.26/लीटर और डीजल 69.39/लीटर पर मिलेंगा।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम दो दशक के निचले स्तर पर गिरने के बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 16 मार्च से घटाई नहीं गई हैं। तब से कच्चे तेल के मूल्य की गिरावट का तेल कंपनियों का मिल रहे फायदे से ताजा एक्साइज ड्यूटी वृद्धि को एडजस्ट किया जाएगा।