आरयू वेब टीम। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं व अंतिम किस्त की घोषणा कर दी है। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि पांचवीं किस्त में भी सुधारों पर ही जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधनों पर ध्यान दिया गया है।
आज एक प्रेसवार्ता में मीडिया को जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लागू लॉकडाउन के दौरान पीएम किसान की 2,000 रुपये की नकद सहायता योजना के तहत 8.19 करोड़ किसानों को 16,394 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं पिछले दो दिनों की घोषणाओं में कई सुधार रहे हैं, जिसमें जमीन, मज़दूर, लिक्विडिटी और कानून को संबोधित किया गया है। आज हम उसी श्रृंखला में आगे बढ़ेंगे। सरकार अब मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 रुपये आवंटित करेगी।
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वित्त मंत्री ने कहा कि दालें भी तीन महीने पहले एडवांस में दे दी गईं। मैं एफसीआइ, एनएएफईडी और राज्यों के ठोस प्रयासों की सराहना करती हूं, जिन्होंने लॉजिस्टिक की इतनी बड़ी चुनौती के बाद भी इतनी ज्यादा मात्रा में दालें और अनाज बांटा।
वहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण ने मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल किया और इसलिए नकदी का डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर कर पाए। 2,000 रुपये की एक बार नकदी ट्रांसफर 8.19 करोड़ किसानों तक पहुंची है और इसकी कुल लागत 16,394 करोड़ है। इसके अलावा बहुत सारे प्रवासी मजदूर अपने गांव जा रहे हैं, इसलिए हमने कुछ प्रावधान किए हैं ताकि अगर वो भी मनरेगा में जुड़ना चाहे तो नामांकन करा सकें। सरकार अब मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 रुपये आवंटित करेगी।
पीपीई के 300 से ज्यादा हैं घरेलू निर्माता
मीडिया को जानकारी देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज हमारे पास पीपीई के 300 से ज्यादा घरेलू निर्माता हैं, इस महामारी के आने से पहले हमारे पास पीपीई का एक भी निर्माता नहीं था। इतना ही नहीं हम पहले ही 51 लाख पीपीई और 87 लाख एन-95 मास्क की आपूर्ति कर चुके हैं और 11.08 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट की आपूर्ति कर चुके हैं।
सार्वजनिक स्तर पर तैयार की जाएंगी स्वास्थ्य लैब
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सभी जिलों के अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लाक होंगे। ग्रामीण इलाकों में लैब नेटवर्क पर्याप्त नहीं है इसलिए सभी ब्लाक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब तैयार की जाएंगी।
…12 चैनलों को जाएगा जोड़ा
उन्होंने ये भी कहा कि स्वयं प्रभा जो एक डायरेक्ट टेलीकास्ट मोड है, इसमें तीन चैनल पहले से ही स्कूली शिक्षा के लिए चिन्हित हैं अब 12 और चैनलों को इसमें जोड़ा जाएगा। मुझे यकीन है कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में भी इससे काफी मदद मिलेगी।
…निजी सेक्टर के लिए खोल दिया जाएगा
वहीं पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज (पीएसई) नीति-सभी क्षेत्रों को निजी सेक्टर के लिए भी खोल दिया जाएगा। भारत सरकार अब एक नई नीति की घोषणा करेगी जो मोटे तौर पर स्ट्रेटेजिक सेक्टर और अन्य को बांटेगी। स्ट्रेटेजिक सेक्टर जिसमें पीएसई मौजूद रहेंगी उसकी अधिसूचना दे दी जाएगी। जिन सेक्टर में पीएसई की अधिसूचना दी जाएगी उनमें कम से कम एक पीएसई मौजूद होगी, लेकिन चार से ज्यादा नहीं। निजी क्षेत्र को भी इसमें अपनी भूमिका निभाने की अनुमति दी जाएगी। अगर किसी अधिसूचित स्ट्रेटेजिक सेक्टर में चार से ज्यादा पीएसई हैं तो उनका आपस में विलय कर दिया जाएगा।
आर्थिक पैकेज से पहले दी गई 1,92,800 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज की बात करने से भी पहले 1,92,800 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी तरफ से 4,113 करोड़ अपनी तरफ से जारी किए ताकि कोरोना के खिलाफ गतिविधियों को फंड दिया जा सके।
राज्यों की लगातार मद्द कर रहा केंद्र
सीतरमण ने कहा कि राज्यों की तरह राजस्व में भारी गिरावट का सामना करने के बाद भी केंद्र राज्यों की लगातार मदद कर रहा है। अप्रैल के पहले सप्ताह में एसडीआरएफ के लिए एडवांस 11,092 करोड़ रुपये का फंड रिलीज किया गया। एंटी कोविड गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4,113 करोड़ रिलीज किए। साथ ही राज्य स्तर के सुधारों को बढ़ावा देने के लिए, उधार के एक हिस्से को निवेश के माध्यम से रोजगार बढ़ाने और शहरी विकास, स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने जैसे जरूरी सुधार के कामों से जोड़ा जाएगा।
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प्रेसवार्ता में मौजूद वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम जो वृद्ध, अपंग और विधवाओं के लिए शुरू किया गया था उसके तहत दो करोड़ 81लाख लाभार्थियों को 2,807 करोड़ रुपए अब तक ट्रांसफर कर दिया गया है। इसमें कुल 3000 करोड़ ट्रांसफर करना था। जबकि देश के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए प्रधानमंत्री ने 15000 करोड़ की योजना की घोषणा की थी जिसमें से 4113 करोड़ राज्यों को दे दिया गया है। आवश्क वस्तुओं पर 3750 करोड़ खर्च किया गया। टेस्टिंग लैब्स और किट्स पर 505 करोड़ खर्च किया गया।
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अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस तरह सरफेसी और डीआरटी एक्ट में पहले रिकवरी के प्रयास किए जाते थे। इंसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड में 2016 आने के बाद दोगुनी से ज्यादा रिकवरी हुई है। 221 केसों में 44 प्रतिशत रिकवरी हुई है,एडमिटेड क्लेम चार लाख 13 हजार करोड़ हैं और वसूली योग्य रकम एक लाख 84 हजार करोड़ है।
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इतना ही नहीं तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम ई विद्या प्रोग्राम का डिजिटल और ऑनलाइन शिक्षा के लिए मल्टीमोड एक्सेस होगा। ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई-कॉन्टेंट, क्यूआर कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करवाएगा। साथ ही इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का नाम ‘वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म’ है। प्रत्येक क्लास के लिए एक चिन्हित चैनल भी होगा। ‘वन क्लास वन चैनल’ के नाम से जिसे हम शुरू कर रहे हैं।