आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन में देश भर में मंदिर, मस्जिद, गरुद्ववारे व चर्च में जाने पर रोक लगी हुई है। वहीं इन सबके बीच सोमवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने उपासना स्थलों को खोलने की मांग की है। शिवपाल ने तर्क देते हुए कहा है कि मदिरालयों में भीड़ है, लेकिन देवालय सूने है।
प्रसपा संस्थापक शिवपाल ने आज अपने एक बयान में कहा है कि जब मानवीय सामर्थ्य चूकने लगें तो बेहतर हो कि सभी उपासना स्थलों में स्वास्थ्य निर्देशों के साथ पूजा व इबादत की इजाजत दी जानी चाहिए। बयान जारी करने के साथ ही शिवपाल ने ट्विट करते हुए भी आज कहा कि, मदिरालयों में भीड़ है व देवालय सूने पड़े हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बावजूद भी कोरोना वायरस का विस्तार जारी है।
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शिवपाल ने 54 दिनों से लोगों के घरों में कैद रहने के बाद भी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर आज कहा कि जब मानवीय सामर्थ्य व सीमाएं चूकने लगें तो बेहतर हो कि सभी उपासना स्थलों में स्वास्थ्य निर्देशों के साथ पूजा व इबादत की इजाजत दी जाए। उन्होंने ईश्वरीय ताकतों पर भरोसा जताते हुए कहा कि, शायद ईश्वर ही इस वैश्विक आपदा (कोविड-19) से निजात दिलाए।
मजदूरों की मौत पर जताया अफसोस
वहीं शिवपाल ने इससे पहले औरैया में मजदूरों की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण और हृदयविदारक बताते हुए भी ट्विट किया। उन्होंने हादसों में जान गंवाने वाले मजदूरों को श्रद्धांजलि देते हुए सरकार से सवाल किया था कि, ”यूपी के औरैया में हुए भीषण सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मृत्यु दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व हृदय विदारक है।
सरकार से पूछा, मजदूरों के लिए वंदे भारत क्यों नहीं
आज इन गरीब प्रवासियों के हिस्से में लूटपाट, पुलिस की पिटाई, फटकार, अपमान, भूख व दुर्घटनाएं हैं और मांग सिर्फ यह है कि घर पहुंचा दो। इतनी असंवेदनशीलता क्यों?” वहीं शिवपाल यादव ने सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा था कि मजदूरों के लिए वंदे भारत मिशन क्यों नहीं?