आरयू वेब टीम। आइसीसी ने 1925 में अपने गठन के बाद से आजादी की लड़ाई को देखा है, भीषण अकाल और अन्न संकटों को देखा है। अब इस बार की ये एजीएम एक ऐसे समय में हो रही है, जब हमारा देश मल्टिपल चैलेंजों को चैलेंज कर रहा है। अब कोरोना संकट ने भारत को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है। उक्त बातें गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स (आइसीसी) के 95वें वार्षिक दिवस पर देश को संबोधन कर कही।
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कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, ”आत्म निर्भर भारत, आत्मनिर्भरता का ये भाव बरसों से हर भारतीय ने एक एस्पिरेशन की तरह जिया है, लेकिन फिर भी एक बड़ा काश, एक बड़ा काश, हर भारतीय के मन में रहा है, मस्तिष्क में रहा है। भारत कोरोना से लड़ रहा है, लेकिन अन्य तरह के संकट भी खड़े हैं। कही बाढ़, कहीं टिड्डों की समस्या, कहीं तेल क्षेत्र में आग तो कहीं भूकंप… और दो साइक्लोन संकट के दौरान नए अवसर भी सामने आते हैं। ये हमारी संकल्पशक्ति हमारी स्ट्रेंथ है। मुसीबत की दवाई मजबूती है।”
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उन्होंने कहा, ”बीते पांच-छह वर्षों में, देश की नीति और रीति में भारत की आत्मनिर्भरता का लक्ष्य सर्वोपरि रहा है। अब कोरोना संकट ने हमें इसकी गति और तेज करने का सबक दिया है। इसी सबक से निकला है। हर वो चीज, जिसे आयात करने के लिए देश मजबूर हैं, वो भारत में ही कैसे बने, भविष्य में उन्हीं का भारत निर्यात कैसे बने, इस दिशा में हमें और तेजी से काम करना है।”