आरयू वेब टीम। असम में तिनसुकिया जिले के बागजन तेल के कुएं में लगी आग को बुझाने के लिए सेना तैनात हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है। इस घटना में 7,000 लोग प्रभावित हुए हैं और राज्य सरकार ने उन्हें मुआवजा देने का एलान किया है।
असम के उद्योग मंत्री चंद्र मोहन पटोवरी ने तिनसुकिया जिले के बागजान का दौरा किया, जहां गैस कंपनी ऑयल इंडिया के तेल के कुएं में आग लगी है। उन्होंने ही 7,000 लोगों के प्रभावित होने की जानकारी दी और मुआवजे का एलान किया।
पोटवारी ने कहा,’मैंने ऑयल इंडिया के अधिकारियों, ओएनजीसी और जिला प्रशासन के साथ बैठक की। नुकसान का आकलन किया जाएगा और प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा।’ ओआइएल के प्रबंध निदेशक सुशील चंद्र मिश्रा ने उन्हें आश्वस्त किया कि 21 दिनों में आग बुझा ली जाएगी। चंद्र मोहन ने राहत शिविरों का दौरा भी किया जहां 12 शिविरों में सात हजार प्रभावित लोगों को रखा गया है।
गौरतलब है कि असम में तिनसुकिया जिले के बागजान तेल कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग बुझने में कई दिन लगने की संभावना है। हालांकि इसे 1.5 किमी के दायरे में सीमित कर दिया गया है। आग पर काबू पाने की कोशिश में ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआइएल) के दो अग्निशमन कर्मियों की मौत हो गई है। इनमें राष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल खिलाड़ी शामिल है। उनके शव बुधवार को घटनास्थल के नजदीक जलीय क्षेत्र से मिले। यह कुआं पिछले 15 दिनों से अनियंत्रित तरीके से गैस उगल रहा है। आग से आसपास के जंगल, घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
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ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्रवक्ता त्रिदिव हजारिका ने बताया कि कुएं में आग लगने के बाद दो अग्निशमन कर्मी दुर्लोव गोगोई और टिकेश्वर गोहेन लापता हो गए थे, एनडीआरएफ की टीम ने बुधवार सुबह उनके शवों को बरामद कर लिया। मृत्यु की वास्तविक वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगी। दोनों कंपनी के अग्नि सेवा विभाग में असिस्टेंट ऑपरेटर थे। गोगोई जाने-माने फुटबॉल खिलाड़ी भी थे और अंडर-19 व अंडर-21 वर्ग के कई राष्ट्रीय टूर्नामेंट में उन्होंने असम का प्रतिनिधित्व किया था। वह ओआइएल की फुटबॉल टीम में गोलकीपर थे।
एक बयान के मुताबिक दोनों को पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से मरणोपरांत वीरता पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा ओआइएल दोनों के परिवारों को उनके सेवाकाल के मुताबिक क्रमश: एक करोड़ और 60 लाख रुपये की धनराशि देगी। इसके अलावा हर विस्थापित परिवार को शुरुआत में 30 हजार रुपये दिए जाएंगे।
डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क के नजदीक स्थित इस कुएं में आग से हुए नुकसान का आकलन करने की कोशिश की जा रही है। आग इतनी भीषण है कि 30 किमी दूर से उसके धुएं को देखा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे नेशनल पार्क की जैव विविधता को खतरा पैदा हो गया है।