आरयू वेब टीम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के दिये इस्तीफा को स्वीकार कर लिया है। अब राष्ट्रपति भवन की ओर से गुरुवार सुबह पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है।
बता दें कि मनोज सिन्हा ने 2014 में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी के सबसे बड़े चेहरों में से एक रहे हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्होंने रेल राज्यमंत्री समेत कई भूमिकाएं निभाई थीं।
यहां तक कि 2017 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित उम्मीदवारों में भी था। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह अपनी सीट समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार व बाहुबलि मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी से हारकर अपनी सीट गंवा बैठे, जो कि पार्टी के साथ-साथ उनके लिए भी एक बड़ा झटका था।
मालूम हो कि मोदी सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त कर दिये थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। इसी के बाद 31 अक्टूबर को मुर्मू को उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था।
यह भी पढ़ें- अटकलों के बीच मनोज सिन्हा ने कहा, CM की रेस में नहीं हूं मैं
गुजरात कैडर के 60 वर्षीय पूर्व आइएएस अधिकारी ने पिछले साल इस केंद्र शासित प्रदेश के प्रथम एलजी के रूप में कार्यभार संभाला था। 1985 बैच के आइएएस अधिकारी मुर्मू के इस्तीफे के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू ने उनके प्रधान सचिव के रूप में सेवाएं दी थीं। वह उप राज्यपाल के पद पर नियुक्ति के समय वित्त मंत्रालय में सचिव थे। जीसी मुर्मू ने ऐसे समय में इस्तीफा दिया, जब बुधवार को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का एक साल पूरा हुआ है।
जीसी मुर्मू से पहले जब जम्मू-कश्मीर पूर्ण राज्य था, तब सत्यपाल मलिक यहां के राज्यपाल थे, लेकिन जब केंद्र शासित प्रदेश बना तो अधिकारी जीसी मुर्मू को वहां भेजा गया।