आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने मंगलवार को लोकभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बाढ़ राहत का काम सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में है। इसके लिए बजट की कोई भी कमी नहीं है। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि बाढ़ पीड़ितों को समय से राहत प्रदान की जाए।
साथ ही सीएम योगी ने जल बहाव के कटान से प्रभावित भूमि के समीप स्थित स्कूल व पंचायत भवनों में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए शरणालय न बनाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि बाढ़ से प्रभावित जनपदों में पशुओं के चारे-भूसे की उचित व्यवस्था करने के साथ-साथ पशु टीकाकरण का कार्यक्रम समय से पूरा किया जाये।
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अनिल राजभर ने यूपी के विभिन्न जिलों में आयी बाढ़ के बारे में आज दावा किया है कि प्रदेश में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का काम किया जा रहा। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15, एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें तैनात की गयी है। 1,176 नावें भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है।
अनिल राजभर के अनुसार बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री है। जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है।
16 जनपद के 838 गांव बाढ़ से प्रभावित
योगी सरकार के मंत्री ने आज बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए प्रदेश में 331 बाढ़ शरणालय तथा 748 बाढ़ चैकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद (अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, बदायूं, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर) के 838 गांव बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) तथा सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।