आरयू ब्यूरो
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बालू अड्डा इलाके में खुद झाड़ू लगाकर सफाई अभियान की शुरूआत की। इस दौरान उनके साथ चल रहे नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने सीएम से एक कदम आगे निकलते हुए नाला साफ किया। देश में सफाई के मामले में आई लखनऊ की फिसड्डी रैंकिंग के बाद योगी बिग्रेड के इस कदम से आने वाले समय में राजधानी की रैंकिंग में जबरदस्त उछाल होना तय माना जा रहा है।
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सुबह राम मोहन वार्ड स्थित बालू अड्डा इलाके में अभियान की शुरूआत करने के साथ ही नगर निगम के अधिकारियों को स्वच्छता के प्रति सख्त हिदायत देते हुए कहा कि देश के 100 साफ शहरों में लखनऊ का नाम न होना चिंता का विषय है। उन्होंने राजधानी के हर वार्ड में व्यापक सफाई अभियान चलाने का निर्देश दिया।
गंदगी के लिए पॉलीथिन और थर्माकोल को भी अहम जिम्मेदार मानते हुए योगी ने इन पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाने का निर्देश अधिकारियों को दिया।
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इस दौरान सीएम ने अफसरों से पूछा कि आखिर लखनऊ शहर इतना गंदा क्यों है? उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि बरसात से पहले नालियों की सारी सिल्ट (जमी हुई गंदगी) निकाली जाए। अगर ऐसा नहीं होगा तो गंदा पानी उफान के साथ सड़कों पर बहेगा। हर वार्ड में सफाई अभियान चलाया जाए। लोगों से कहा जाए कि वे गंदगी को सड़कों पर ना फेंकें।
भ्रमण के दौरान सीएम वहीं पर स्थित सुलभ शौचालय भी देखने पहुंचे। वहां पर महिला सफाई कर्मी से उसके वेतन के बारे में पूछा तो कर्मी पूनम ने उन्हें बताया कि उसे सिर्फ तीन हजार रुपए मिलते है। कर्मी की दिक्कत को समझते हुए योगी ने नगर आयुक्त से वेतन बढ़ाने को कहा। इसके अलावा वहां लगे चैनल गेट को टूटा देख योगी ने उसे भी बदलवाने की बात कही।
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खुद के बीच मुख्यमंत्री को देख इलाके के लोगों में भी खासा उत्साह रहा। जनता का कहना था कि आज से पहले यहां कोई विधायक तक झांकने नहीं आया था। अब मुख्यमंत्री खुद आ गए है तो उनकी समस्याएं जरूर दूर हो जाएंगी।
देश के 100 साफ शहरों में उत्तर प्रदेश का केवल वाराणसी ही शामिल है और 15 सबसे गंदे नगरों में से नौ नगर उत्तर प्रदेश के हैं।
योगी ने कल कहा था कि हालांकि वह सर्वेक्षण उनकी सरकार के सत्ता में आने से पहले हुआ था, लेकिन उनकी सरकार ने आगामी दिसम्बर तक 30 जिलों में और अक्तूबर 2018 तक पूरे प्रदेश में खुले में शौच पर पूर्णत: पाबंदी लगाने की दिशा में काम कर रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया गया है, उनका दायित्व होगा कि वे संबंधित जिले में भ्रमण के दौरान वहां की मलिन बस्तियों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करते हुए उनकी साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दें। मालूम हो कि हाल में घोषित ‘स्वच्छ भारत सर्वेक्षण’ के नतीजों में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले को सबसे गंदा माना गया है। देश के 100 साफ शहरों की सूची में उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को ही शामिल किया गया है। उसे 32वां स्थान मिला है।