आरयू ब्यूरो, लखनऊ। बेरोजागरी के मुद्दे को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने सीएम योगी पर निशाना साधा है। आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि उत्तर प्रदेश वर्तमान में बेरोजगारी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। मुख्यमंत्री ने रोजगार देने के नाम पर जनता के करोड़ों रुपए खर्च कर इन्वेस्टर समिट कराए थे, अब सीएम योगी को जनता को बताएं कि इन्वेस्टर समिट की वहज से कितने लोगों को रोजगार मिला है।
आज अपने एक बयान में लल्लू ने योगी सरकार पर चुनाव के समय रोजगार को लेकर जनता से किये गए वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए सरकार को छात्र-युवाओं के प्रति असंवेदनशील बताया है।
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प्रदेश अध्यक्ष ने हमला बोलते हुए कहा है कि आज यूपी चौतरफा अव्यवस्था से जूझ रहा। विकास अवरुद्ध है, जनता आर्थिक रूप से टूट चुकी है, छात्र नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में प्रदेश के लाखों लोग अन्य राज्यों में अपने चलते हुए काम धंधे छोड़ कर घर आने पर विवश हुए थे। लॉकडाउन के चलते लाखो लोगो ने अपना रोजगार खोया था, मुख्यमंत्री योगी उनको समायोजित करने के बजाए लाई-चना बिकवाने की बात कर उनका मजाक उड़ा रहे है।
हमला जारी रखते हुए लल्लू ने कहा है कि भाजपा और मुख्यमंत्री योगी ने चुनाव पूर्व प्रदेश की जनता से घूम-घूम कर 70 लाख रोजगार सृजन यानी 14 लाख प्रति वर्ष रोजगार देने का वादा किया था। पर साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कल खुद स्वीकार किया है कि साढ़े तीन वर्षों में तीन लाख लोगों को रोजगार दिया है। इससे यह साबित होता है कि बेरोजगारी कि स्थिति बहुत भयावह है।
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लल्लू ने आगे कहा कि यही बात प्रदेश के श्रम मंत्री मेरे द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कह चुके है कि प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बहुत भयावह है, रोजगार के अवसर कम हुए है। 2018 के मुकाबले 2019 में बेरोजगारी दोगुनी हुई है। श्रम मंत्री ने लिखित जवाब में कहा है कि 18 में बेरोजगारी दर 5.92 प्रतिशत थी जो 2019 में बढ़ कर 9.97 प्रतिशत हो गयी।