आरयू वेब टीम। कृषि कानूनों के खिलाफ 32 दिन से लगातार किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि इस आंदोलन में मौतों का सिलसिला भी थमता नजर नहीं आ रहा। रविवार को बहादुरगढ़ के टिकरी स्थित हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पंजाब के एक और किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में किसान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र भी छोड़ा है। पत्र का कुछ हिस्सा टाइप किया, जबकि कुछ हिस्सा पेन से लिखा गया है। फिलहाल पुलिस पहले से टाइप करके लाए गए इस पत्र की जांच कर रही।
बताया जा रहा है कि नए कृषि कानूनों से दुखी अमरजीत सिंह ने मौत को गले लगाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र छोड़ा है। इसमें अमरजीत ने तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया है। उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में अपना बलिदान देने की बात लिखी। साथ ही लिखा है कि प्रधानमंत्री कुछ लोगों के ही बनकर रह गए। तीनों कृषि बिल किसान, मजदूर और आम आदमी का जीवन तबाह कर देंगे। किसानों, मजदूर और आम आदमी की रोजी-रोटी मत छीनो। अमरजीत की तरफ से टाइप किया गया लेटर में, न्याय पालिका के विश्वास खो चुके होने की बात हाथ से लिखी गई है।
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आत्महत्या करने वाले किसान की पहचान फाजिल्का जिले के मंडी लाधूका निवासी अमरजीत सिंह राय के रूप में हुई है। वह किसान के साथ-साथ वकील भी थे और जलालाबाद बार एसोसिएशन के सदस्य थे। पिछले एक सप्ताह से वह धरने में शामिल थे। अमरजीत सिंह राय ने रविवार सुबह दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से करीब छह किलोमीटर दूर पकौड़ा चौक के पास जहर खा लिया।
हालत बिगड़ने पर उन्हें रोहतक पीजीआइएमएस रेफर किया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई। इसकी पुष्टि किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष सतपाल कंबोज ने की, जो रोहतक अस्पताल में उनके साथ थे। बताया ये भी जा रहा है कि पीड़ित किसान प्रधानमंत्री के नाम यह पत्र पहले से ही टाइप करके लेकर आए थे।