शिवसेना ने कहा, किसानों के साथ आतंकियों जैसा हो रहा व्यवहार, उन्हें खालिस्तानी बताना है अपमान

किसान देश की रीढ़
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं कृषि कानून व किसानों के मुद्दे को लेकर पहले से ही विपक्ष के हमले झेल रही भाजपा सरकार विरोध प्रदर्शन के बाद से एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इस बीच शिवसेना  ने भी किसानों का समर्थन करते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है।

शिवसेना सांसद संजय राउत  ने किसानों के साथ पुलिस बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है ऐसा लगता है कि वे देश के किसान नहीं बल्कि बाहर के किसान हैं। उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया गया है। शिवसेना नेता ने आगे कहा कि क्‍योंकि वो (किसान) सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से विरोध प्रदर्शन करने दिल्ली आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है।

बता दें कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि पंजाब के किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी एजेंडे को बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया। भाजपा आईटी सेल ने एक वीडियो जारी किया है, जो काफी चर्चा में है। इस वीडियो में एक किसान कहता दिख रहा है कि इंदिरा ठोक दी, मोदी की छाती पर…। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।

वहीं भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कथित वीडियो साझा करते हुए लिखा कि यह किस तरह का किसान आंदोलन है? क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह आग से खेल रहे हैं? कांग्रेस कब समझेगी कि उग्र तत्वों के साथ गठबंधन वाली सियासत के दिन लद गए। वीडियो में एक किसान कहता दिख रहा है कि तीन दिसंबर को बैठक है। देखते हैं कुछ हल होता है। अगर उसमें कोई हल नहीं निकला तो ये वेरीकेड्स क्या है, हम तो इनको ऐसे ही उड़ा देंगे।

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जबकि दिल्ली भाजपा के प्रवक्‍ता तेजिंदर सिंह बग्गा ने भी संबंधित वीडियो को रिट्वीट करते हुए कहा था कि किसान आंदोलन राजनीति से प्रेरित है, जिसके पीछे कांग्रेस है। जिन्होंने खालीस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए, वे कभी भी किसान नहीं हो सकते। किसान राष्ट्रभक्त होता है और वह कभी भी देश के खिलाफ नहीं जा सकता। जो लोग खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं, वे कांग्रेस के एजेंट हैं।

दिल्ली भाजपा से ही जुड़े इम्प्रीत सिंह बख्शी ने सोशल मीडिया यूजर्स से आग्रह किया है कि जो लोग पंजाब के किसानों को खालिस्तानी होने की तोहमत लगा रहे हैं, वह ठीक नहीं है। वे सभी भी हमारे भाई-बहन हैं और बड़े हैं। वे संभवतः कांग्रेस, अकाली और आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा भ्रमित किए गए हैं।

बता दें कि पंजाब-हरियाणा के किसान तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार आंदोलनरत हैं। वे बीते तीन दिनों से दिल्ली आने का प्रयास कर रहे हैं। हरियाणा सीमा पर पंजाब के किसानों को रोक दिया गया। उन पर पानी की बौछारें की गईं और आंसू गैस के गोले दागे गए। इससे सियासत भी गरमा गई है और कांग्रेस ने किसानों के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े होने का ऐलान करते हुए आंदोलन को समर्थन दे दिया है।

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