आरयू वेब टीम। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रविवार को जिस वक्त सब लोग गहरी नींद में थे, उसी दौरान जम्मू-कश्मीर के डोडा के पास भूकंप के झटकों से धरती हिली। प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूकंप रविवार तड़के चार बजकर 40 मिनट पर डोडा के पास महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 2.9 मापी गई। फिलहाल किसी क्षति की खबर नहीं है।
इससे पहले शनिवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सुबह पांच बजकर 11 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 थी। इससे किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं थी। पिछले महीने 18 फरवरी को भी लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता 3.7 थी और गहराई करीब 200 किलोमीटर दर्ज की गई थी।
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देश में भूंकप की सटीक निगरानी के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भूकंप के लिहाज से संवेदनशील इलाकों की निगरानी को बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत देश भर में 35 और निगरानी केंद्र खोले जाएंगे। दस महीने के भीतर यह केंद्र पूरी क्षमता से काम करने लगेंगे। इन केंद्रों के खुल जाने से राष्ट्रीय भूंकप निगरानी केंद्र( नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ) रियल टाइम डाटा एकत्र कर सकेंगे। अभी तक राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र देश में भर में रिक्टर स्केल पर 3.5 परिमाण के भूकंप और दिल्ली और आसपास के लिए 2.5 परिमाण के भूकंप दर्ज करता है।
नए निगरानी केंद्रों के आने से और सूक्ष्मता से पृथ्वी के पेट की हलचल का अध्ययन हो सकेगा। नए निगरानी सिस्ट सी की मदद से कम तीव्रता वाले भूकंप भी मापे जा सकेंगे। इतना ही नहीं देश भर के इलाकों का भूकंप आने की संवेदनशीलता के अनुसार उसकी भूगर्भीय स्थितियों का आकलन किया जा सकेगा।
नए खुलने वाले केंद्रों में सबसे अधिक जोर समुद्र के तटीय इलाकों के साथ पिछले दशक में भूकंप की मार झेलने वाले इलाकों को प्राथमिकता दी गई है, इसलिए नए खुलने वाले केंद्रों में सबसे अधिक पांच केंद्र कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरीखे राज्यों में चार-चार स्टेशन, उत्तराखंड में तीन, गुजरात और केरल में दो-दो, अरुणाचल, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मिजोरम, उड़ीसा, पंजाब में एक-एक निगरानी केंद्र खोला जाएगा।