आरयू इंटरनेशनल डेस्क।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार की सुबह भारतीय दूतावास के पास जबरदस्त कार धमाका हुआ। रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में कम से कम 80 लोगों के मारे जाने की जबकि तीन सौ से ज्यादा लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है।
हालांकि हमले में भारतीय दूतावास सुरक्षित है। धमाके की तीव्रता से दूतावास की खिड़कियों के शीशे जरूर टूट गए है। हमले के आत्मघाती होने की बात सामने आई है। किसी भी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नही ली थी। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा की है।
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इस हमले में भारतीय दूतावास और वहां काम करनेवाले भारतीय राजनायिक सुरक्षित हैं। समझा जा रहा है आतंकियों के निशाने पर भारतीय दूतावास नहीं होगा। वहीं घटनास्थल के पास ही अन्य देशों के भी दूतावास का कार्यालय है। हमले की भीषणता को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि मरने वालों की संख्या में अभी बढ़ोतरी होगी।
विस्फोट इतना जबरदस्त था कि उसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गयी। धमाके के बाद आसमान में धुआं-धुआं छा गया। स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि ऐसा लग रहा था मानो आग का गोला आसमान की ओर उठ रहा है। धमाके की वजह से सैकड़ों मीटर दूर स्थित घरों को भी नुकसान पहुंचा।
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धमाका वजीर अकबर खान इलाके में हुआ, जहां कई देशों के दूतावास हैं। जबकि पास में ही अफगानिस्तान का राष्ट्रपति भवन भी है। इस धमाके में 30 से अधिक वाहन या तो पूरी तरह नष्ट हो गये या क्षतिग्रस्त हो गये।
राजनायिकों को निशाना बना कर किये गये कार बम धमाके की फिलहाल किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काबुल में हुए धमाके और भारतीय दूतावास को पहुंचे आंशिक नुकसान के बारे में ब्रीफ कर दिया गया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।
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अफगानिस्तान में भारत के राजदूत मनप्रीत वोहरा ने भी बाद में ट्वीट किया, ‘हमारे भवन समेत कई भवनों को धमाके से नुकसान हुआ है। खिड़कियों के शीशे टूट गये लेकिन, हमारे सभी स्टाफ सुरक्षित हैं।’
उधर, पुलिस ने बताया कि धमाका जर्मनी के दूतावास के पास हुआ। पुलिस अब तक हमले की वजह का पता नहीं लगा पायी। घायलों का आसपास के इलाकों में इलाज चल रहा है। जिनमें से दर्जनों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।