आरयू वेब टीम।
भारत के अफगानिस्तान के साथ संबंध को लेकर वाशिंगटन में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि पाकिस्तान को यह संबंध स्वीकार नही है। वह अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने के लिए हक्कानी नेटवर्क, तालिबान जैसे आतंकी संगठनों का इस्तेमाल कर रहा है।
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पिछले सप्ताह कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस पॉलिसी सेंटर, रैंड कॉरपोरेशन के निदेशक सेथ जोन्स ने कहा, अफगानिस्तान का सबसे मजबूत क्षेत्रीय सहयोगी भारत है और यह बात पाकिस्तान को स्वीकार नहीं है। पाक के लिए भारत एक शत्रु है, जबकि अफगान सरकार भारत सरकार की एक सहयोगी है।
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कांग्रेस के सदस्य के किए गए सवाल के जवाब में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर जैसे स्थानों पर भारतीयों के खिलाफ और अफगानिस्तान में अपनी विदेश नीति के उद्देश्यों के आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान ने छद्म युद्धों का इस्तेमाल किया है।
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यहां इसका अर्थ हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे संगठनों को सहयोग देने से है। इसलिए यह एक छद्म युद्ध है। आतंकवाद और परमाणु अप्रसार के मुद्दे पर बनी सदन की विदेश मामलों की उपसमिति द्वारा आयोजित एक सुनवाई में लॉन्ग वॉर जर्नल के संपादक बिल रोजियो ने कहा कि पाकिस्तान सरकार की नीति ही ऐसी है जो हर चीज को भारत से युद्ध की नजर से देखती है।