आरयू वेब टीम। अमेरिकी नौसेना ने भारत से अनुमति लिए बिना लक्ष्यद्वीप के पास भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र के अंदर फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन को अंजाम दिया है। जिसके बाद ऐसा समझा जा रहा है कि यूएस के इस कदम से भारत और यूएस के रिश्तों में खटास आ सकती है। वहीं अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े द्वार जारी एक बयान में कहा गया है कि ये ऑपरेशन सात अप्रैल को निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक यूएसएस जॉन पॉल जोन्स द्वारा किया गया था।
साथ ही बयान में ये भी कहा गया कि सात अप्रैल, 2021 यूएसएस जॉन पॉल जोन्स (डीडीजी 53) ने भारत से अनुमति के बिना ही लक्षद्वीप द्वीप समूह के लगभग 130 समुद्री मील दूरी पर नौवहन अधिकारों और स्वतंत्रता का प्रदर्शन किया। यह अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप था, जबकि भारत का कहना है कि उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में सैन्य अभ्यास या आने-जाने से पहले सहमति की आवश्यकता है। यह दावा अंतरराष्ट्रीय कानून से मेल नहीं खाता है।
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बयान में कहा गया कि फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन ने भारत के अत्यधिक समुद्री दावों को चुनौती देकर अंतर्राष्ट्रीय कानून में मान्यता प्राप्त समुद्र के अधिकारों, स्वतंत्रता, और वैध उपयोगों को बरकरार रखा। आगे कहा गया कि अमेरिकी बल दैनिक आधार पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में काम करते हैं। सभी संचालन अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार बनाए गए हैं। जो प्रदर्शित करते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका जहां भी अंतरराष्ट्रीय कानून की अनुमति देगा, वहां उड़ान भरेगा, नौकायन करेगा और संचालित करेगा।