आरयू ब्यूरो, लखनऊ। कुख्तात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी राहत मिली है। उत्तर प्रदेश पुलिस को सबूतों के अभाव में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। इस मामले की जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान समिति ने उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।
समिति को यूपी पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान समिति ने कई पुलिसकर्मियों से पूछताछ की थी, लेकिन समिति को पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक भी पुख्ता सबूत नहीं मिले। इसलिए सबूतों के अभाव में विकास दुबे के एनकाउंटर में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दे दी गई है।
यह भी पढ़ें- STF का दावा एनकाउंटर से पहले गाय-भैैैस आने से पलटी विकास दुबे वाली गाड़ी, फायरिंग व एक्सिडेंट में सात पुलिसकर्मी भी घायल
रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्हें यूपी पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। बता दें कि विकास दुबे एनकाउंटर वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक समिति गठित की थी। इस समिति में योगी सरकार के प्रस्तावित नामों को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान, डीजीपी केएल गुप्ता और हाईकोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल की समिति का गठन किया था।
गौरतलब है कि जांच आयोग को पुलिस के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया “समाचार पत्रों और अन्य मीडिया माध्यमों में विज्ञापन दिए जाने के बावजूद पुलिस के दावों को चुनौती देने के लिए कोई भी गवाह सामने नहीं आया। इसके अलावा मीडिया से जुड़ा कोई व्यक्ति भी बयान दर्ज कराने के लिए सामने नहीं आया।” अफसर ने बताया कि पुलिस के बयान का समर्थन करने के लिए गवाह मौजूद थे।