आरयू वेब टीम। कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे महाराष्ट्र में अब म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) अपना कहर बरपा रहा है। राज्य में ब्लैक फंगस से अभी तक 120 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा पुणे में 27 लोगों की मौत हुई। इससे नांदेड़ में 22 और मुंबई में पांच लोगों की मौत हुई है। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के चलते महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने राज्य में इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, “फिलहाल पॉजिटिविटी रेट 12 फीसदी है और रिकवरी रेट 93 फीसदी। राज्य में ब्लैक फंगस के 2245 मामले हैं। ब्लैक फंगस के मरीज़ों का राज्य के अस्पतालों में महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्या योजना के तहत मुफ्त में इलाज किया जाएगा।”
राजेश टोपे ने कहा कि राज्य के 18 ज़िलों में जहां संक्रमण दर ज्यादा है, वहां अब मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने पर पाबंदी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि इन ज़िलों के लोगों को अब पॉजिटिव आने पर क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होगा। होम आइसोलेशन की मंज़ूरी नहीं है।
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एक्सपर्ट बताते हैं कि कोरोना की बीमारी से ठीक होने के बाद कुछ मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस नाम का फंगल इन्फेक्शन देखने मिल रहा, जिसका इलाज एक चुनौती से कम नहीं है। ऐसे करीब 12 मरीज मुंबई से सटे ठाणे के वेदांत अस्पताल में म्यूकरमाइकोसिस वार्ड में अपना इलाज करवा रहे हैं। इस वार्ड में सिर्फ इसी बीमारी के मरीजों का इलाज किया जाता है। इस अस्पताल में डॉक्टरों ने कई मरीजों की सर्जरी कर ली है तो कुछ मरीजों का ऑपरेशन बाकी है।
ऐसे मरीजों का इलाज करने के लिए कई तरह के स्पेशलिस्ट जैसे कि न्यूरोसर्जन, फिजिशियन, ईएनटी स्पेशलिस्ट काम करते हैं क्योंकि ब्लैक फंगस से बीमार सभी मरीजों में खासकर नाक, कान और मुंह से जुड़े लक्षण सामने आए हैं।