सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश को बताया इत्‍तेफाकन नेता, “बोले, उन्हें बिना संघर्ष सब कुछ गया परोसा”

सिद्धार्थ नाथ सिंह
सिद्धार्थ नाथ सिंह। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिलों के दौरे की आलोचना करने को लेकर योगी के मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सपा सुप्रीमो पर पलटवार किया है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ” सपा नेता को अब लोगों की समस्याओं के बारे में पता नहीं है और वास्तविकता को देखने और इसे स्वीकार करने के लिए अपने ‘कूल कम्फर्ट जोन’ से बाहर निकल जाना चाहिए।”

साथ ही अपने बयान में अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि “वह मुंगेरीलाल की तरह सपने देखने में माहिर हैं। वह भी दिन में। दरअसल वह इत्तेफाकन नेता हैं। इसके लिए उन्होंने कोई संघर्ष नहीं किया। उनको जो भी मिला वह तश्तरी में परोसकर दे दिया गया।” उन्होंने कहा, यह ऐतिहासिक है कि किसी भी मुख्यमंत्री ने लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक पखवाड़े में राज्य भर में यात्रा की है। अखिलेश यादव की समस्या यह है कि उनकी राजनीति लोगों और उनके मुद्दों से दूर, ट्विटर तक ही सीमित है।

अब समय आ गया है कि वह वास्तविकता को देखने और इसे स्वीकार करने के लिए अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। सिंह ने यूपी में कोविड की स्थिति में सुधार पर अखिलेश यादव की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 23 दिनों के भीतर कोविड के मामलों को कम करने के लिए योगी सरकार को कोई श्रेय नहीं दिया है।

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सरकार के प्रवक्‍ता ने आगे कहा, उन्होंने कुछ गांवों में मौतों के बारे में बात की है। मैं उन्हें उनकी लोकेशन बताने की चुनौती देता हूं। एक नेता जो अपने ड्राइंग रूम से कभी बाहर नहीं निकला है, वह योगी आदित्यनाथ से सवाल कर रहा है, जो पूरे समय जमीन पर रहे हैं। मंत्री ने आगे कहा कि अखिलेश यादव के लिए योगी आदित्यनाथ से टीम नौ की बैठकों के बारे में सवाल करना हास्यास्पद है, यह भी जाने बिना कि टीम हर दिन मिलती है।

दरअसल सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि मुख्यमंत्री के दौरे सरकारी संसाधनों और समय की बर्बादी हैं। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने यादव वंश के गांव सैफई और अखिलेश के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ का भी दौरा किया, ताकि व्यवस्थाओं का प्रत्यक्ष लेखा-जोखा लिया जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि बिना किसी भेदभाव के सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।”

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