आरयू वेब टीम। कोरोना प्रकोप के बीच नए वैरिएंट व तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा में पुरी के अलावा अन्य स्थानों पर जगन्नाथ यात्रा की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूरे राज्य में रथ यात्रा निकालने वाली दायर याचिका को खारिज कर दिया। सीजेआइ एनवी रमना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को उम्मीद है कि भगवान अगले साल यात्रा की इजाजत देंगे, लेकिन फिलहाल ये वक्त इसके लिए नहीं है।
वकील विष्णु शंकर जैन के माध्यम से दायर अपील में ओडिशा सरकार के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) के कार्यालय द्वारा जारी एक आदेश को चुनौती दी, जिसमें कहा गया था कि रथ यात्रा पिछले साल की तरह ही आयोजित की जाएगी। याचिकाकर्ताओं, जो विभिन्न स्थानों में देवताओं के भक्त और सेवायत हैं, उन्होंने ने तर्क दिया है कि उनसे संबंधित स्थानों में कोविड -19 की वृद्धि पुरी की तुलना में बहुत कम थी, इसलिए पुरी के बाहर ऐसे क्षेत्रों में रथ यात्रा के आयोजन की अनुमति दी जानी चाहिए।
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इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर पूजा करनी है तो घर पर करें। सीजेआइ ने ये भी कहा कि मैं भी रथ यात्रा में जाता था। डेढ़ साल से नहीं जा पाया हूं। घर पर ही पूजा करता हूं। सरकार का फैसला सही है। ओडिशा सरकार की तरफ से कहा गया कि पुरी में शर्तों के साथ रथ यात्रा निकालने के लिए की इजाजत दी गई है। पूरे राज्य में रथ यात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। रथ को खींचने वाले 500 लोगों को नियुक्त किया गया है, जिनके पास आरटी-पीसीआर टेस्ट है।
बता दें कि कोविड-19 के कारण पुरी तक रथ यात्रा को सीमित करने के ओडिशा सरकार के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। दरअसल, ओडिशा सरकार ने पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा को छोड़कर पूरे ओडिशा के मंदिरों में रथ यात्रा उत्सव को रोकने का आदेश पारित किया है। याचिका 23 जून, 2021 के उड़ीसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक अपील है, जिसमें राज्य के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया गया है।