आरयू वेब टीम।
1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि लोगों को नोट जमा करने का दोबार मौका क्यों नहीं दिया गया। इस मामले में केंद्र सरकार को फटकार लगाने के साथ ही उच्चतम न्यायलय ने दो हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट के इस रुख के बाद लोगों को दोबार पुराने नोट बदलने का मौका मिल सकता है।
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पुराने नोट तय समय सीमा में नहीं जमा कर पाने के एक मामले की सुनावाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि जो लोग वैध कारण बता रहे है, उनके नोट क्यों नहीं बदले जा सकते है। पीठ ने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति हो सकती है कि किसी व्यक्ति का धन खो गया हो या मान लीजिए कि कोई व्यक्ति उस समय जेल में हो.. हम यह जानना चाहते हैं कि आपने ऐसे व्यक्तियों पर रोक लगाने का फैसला क्यों किया।’ जिनके पास पुराने नोट जमा कराने के सही कारण है उनकी संपत्ति सरकार इस तरह से नहीं छीन सकती।
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सुप्रीम कोर्ट आज सुधा मिश्रा समेत कई अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुधा ने अपनी याचिका में कहा था नोटबंदी के समय वह अस्पताल में भर्ती थी जिसके चलते वह केंद्र एवं आरबीआई के बताए समय में चलन से बाहर हुए अपने नोट जमा नहीं करा पाईं इसलिए उन्हें ये नोट जमा कराने की अनुमति देने का प्राधिकारियों को आदेश दिया जाए।
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गौरतलब है कि पिछले साल आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 रुपए के नोटों के बैन की घोषणा करने के साथ ही जनता को 30 दिसंबर तक पुराने नोट जमा करने को कहा था।