आरयू ब्यूरो, लखनऊ। आज आयोजित हुई उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) के दौरान यूपी के कई जिलों में सॉल्वर गैंग के अलावा जौनपुर जिले के परीक्षा केंद्र से एक ऐसा युवक भी पकड़ा गया है जो सिर्फ दोस्ती निभाने के लिए अपने दोस्त की जगह परीक्षा दे रहा था। पहली पाली में जौनपुर के ऋषिकुल एजुकेशनल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में परीक्षा दे रहे युवक के पास से फर्जी आधार कार्ड समेत अन्य जाली कागजात एसटीएफ ने बरामद किए हैं।
मुखबिर से सूचना मिलने के बाद मूल रूप से बिहार के वैशाली निवासी पप्पू सिंह को गिरफ्तार करते हुए एसटीएफ की टीम ने उसे सराय खव्वाजा कोतवाली के हवाले कर दिया है। जहां पुलिस उसके खिलाफ आइपीसी की धारा 419/420/467/468 व 3/9 परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। वहीं एसटीएफ ने इस मामले में पकड़े गए युवक के नामजद दोस्त की भी तलाश में लग गयी है।
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गिरफ्तारी करने वाले एसटीएफ वाराणसी ईकाई के इंस्पेक्टर पुनीत परिहार ने बताया कि आज पूर्वान्ह करीब 11 बजे मुखबिर से सूचना मिली थी कि ऋषिकुल एजुकेशनल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अभ्यर्थी महेंद्र प्रताप यादव पुत्र बलराम यादव निवासी रंजीतपुर जनपद जौनपुर के स्थान पर एक सॉल्वर परीक्षा दे रहा। सूचना के बाद एसटीएफ वाराणसी की टीम ने पप्पू सिंह को दबोचा लिया।
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शुरूआती पूछताछ में आरोपित ने अपना नाम अर्नव सिंह पुत्र राजकुमार सिंह निवासी ईशुपुर थाना सदर हाजीपुर जनपद वैशाली (बिहार) बताया, लेकिन तलाशी लेने पर उसके पास से पप्पू सिंह पुत्र विष्णु देव सिंह निवासी जाफराबाद जनपद वैशाली (बिहार) के नाम/पता का आधार कार्ड बरामद हुआ। इस आधार कार्ड के संबंध में पूछतांछ करने पर इसने बताया कि उसका वास्तविक नाम पप्पू सिंह ही है और वह अपने दोस्त महेंद्र प्रताप यादव के स्थान पर बैठकर परीक्षा दे रहा था।
पप्पू सिंह के अनुसार उसने ऐसे पैसों के लिए नहीं बल्कि दोस्ती निभाने के लिए किया। वह दोनों राजीव गांधी बीएड कॉलेज धारवाड चेन्नई से एक साथ बीएड कर रहे थे, तभी से मित्रता हो गयी थी। इसी मित्रता के कारण वह महेंद्र प्रताप यादव के स्थान पर परीक्षा देने के लिये तैयार हो गया था। उसने महेंद्र के नाम व पता से अपने स्वयं के फोटो की मिक्सिंग कर कूटरचित आधार कार्ड तैयार कर लिया था और इस परीक्षा में उसके स्थान पर बैठकर परीक्षा दे रहा था, लेकिन पकड़ा गया।