आरयू वेब टीम।
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा को लेकर आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने मानसूत्र सत्र के दूसरे दिन सदन में आवाज उठाई। कार्यवाही शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि योगी सरकार में दलितों पर अत्याचार हो रहे, उन्हें हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है।
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मायावती की बात पर सत्ता पक्ष ने ऐतराज जताया। जिसपर मायावती भड़क गई उन्होंने कहा कि देश में दलितों पर अत्याचार हो रहा है और हम इस पर चुप नहीं रह सकते। बसपा सुप्रीमो ने उपसभापति पी जे कुरियन पर भी आरोप लगाया कि वो उन्हें बोलने नहीं दे रहे। इस बात से भड़की मायावती ने कहा कि अगर उन्होंने बोलने नहीं दिया जा रहा है तो वह राज्यसभा से इस्तीफा देंगी। इसके बाद मायावती ने सदन छोड़ा दिया। कांग्रेस ने भी मायावती का समर्थन करते हुए वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस की नेता रेणुका चौधरी ने सवाल उठाए कि एक दलित नेता को बोलने का अधिकार नहीं है क्या ?
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वहीं बसपा सुप्रीमो ने भाजपा सरकारों को निशाने पर लेते हुए मीडिया से कहा कि देश भर में दलितों पर हमले हो रहें हैं, उन पर अत्याचार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में महाजंगलराज आ चुका है। सहारनपुर में साजिश के तहत दलितों को निशाना बनाया गया। सरकार और पुलिस दोनों ने ही दलितों का साथ नहीं दिया। इन सबके बावजूद अगर मैं उनकी आवाज सदन में नहीं उठा पाती तो मुझ पर लानत है। मै इस्तीफा दे दूंगी।
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दूसरी ओर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में हम लोग ने साफ कर दिया था कि हमारी रुचि काम में बाधा डालने की नहीं है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि विपक्ष जिस मुद्दे पर बात करना चाहेगा उसपर भी चर्चा होगी, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है।
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