आरयू ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं की बयानबाजी का दौर जारी है। इसी क्रम में शनिवार को जयंत चौधरी ने अमित शाह के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें मुजफ्फरनगर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अखिलेश यादव और जयंत चौधरी सिर्फ मतगणना तक साथ हैं। अगर सपा की सरकार बनी तो जयंत भाई ‘आउट’ हो जाएंगे और आजम खान बैठ जाएंगे। सपा और आरएलडी के टिकटों के बंटवारे से ही समझ में आ गया है कि आगे क्या होने वाला है।
इस पर रालोद प्रमुख ने पलटवार करते हुए कहा कि वो मेरे ईमान और जज्बात को नहीं समझ पाए, हम लोग अपने मुद्दों, किसानों के साथ बेवफाई नहीं कर सकते। पिछले कई सालों से मैं विपक्ष में हूं, मैं चुनाव हार गया, लेकिन मुझे इसका कोई मलाल नहीं है। ऐसा कोई कारण या प्रलोभन नहीं है जिससे मैं टूट जाऊं और अपना फैसला बदल दूं। इससे पहले रालोद प्रमुख ने कहा था कि यह हमारे वोटों को मोड़ने की उनकी साजिश है, लेकिन कोई भी उनके जाल में नहीं फंस नहीं रहा है। भाजपा केवल विभाजनकारी राजनीति करती हैं।
वहीं, इससे पहले शाह ने कहा था कि जयंत भाई ने गलत घर चुन लिया है। इसके बाद रालोद प्रमुख ने पलटवार करते हुए कहा था कि मैं कोई चवन्नी नहीं हूं, जो पलट जाऊंगा। भाजपा पहले उन सौ किसानों से बात करे जिनका घर उजाड़ा है। उनकी मेरी तरफ नजर नहीं है बल्कि उन्हें जनता से डर सता रहा है।
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बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल साथ-साथ चुनाव लड़ रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल को समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत 40 सीटें दी हैं और से सभी सीटें पश्चिमी यूपी की हैं, जहां पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है। पहले चरण में दस फरवरी को 11 जिलों की 58 सीटों और दूसरे चरण में 14 फरवरी को नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान होगा, जबकि पश्चिमी यूपी में काफी सीटें जाट बाहुल्य हैं और भाजपा ने इस सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है।