आरयू वेब टीम। चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद याद को रांची की सीबीआइ की विशेष अदालत ने मंगलवार को दोषी करार दिया। उनकी सजा पर फैसला 18 फरवरी को होगा। इस मामले में कोर्ट ने 24 लोगों को बरी कर दिया है। लालू प्रसाद से जुड़े 139 करोड़ रुपए के पशुपालन घोटाले के 25 साल बाद अदालत का यह फैसला आया है।
लालू यादव के ऊपर आरसी-47ए/96 रांची के डोरंडा कोषागार से लगभग 139.35 करोड़ के अवैध निकासी का आरोप है। इसी मामले में सीबीआई की विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अदालत की कार्रवाई में हिस्सा लेने के लिए लालू यादव रांची पहुंचे। इस मामले में राजद सुप्रीमो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, डॉक्टर आरके राणा, ध्रुव भगत, समेत कई ब्यूरोक्रेट्स, डॉक्टर और आठ महिला आपूर्तिकर्ता समेत 99 आरोपी है।
गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व में चारा घोटाले के अलग-अलग मामले में लालू यादव को हाईकोर्ट से राहत मिल चुकी है। वह इस वक्त जमानत पर चल रहे हैं, हालांकि, निचली अदालत से उन्हें हमेशा निराशा हाथ लगी थी। लालू की पेशी को देखते हुए रिम्स ने दावा किया है कि अगर उन्हें मेडिकल असिस्टेंस की जरूरत पड़ती है तो अस्पताल पूरी तरह तैयार है, हालांकि, लालू यादव का इलाज करने वाले डॉक्टर और मेडिसिन विभाग के हेड उमेश प्रसाद की मौत हो चुकी है।
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पीआरओ ने बयान जारी कर कहा है कि वर्तमान मेडिसिन हेड को अब यह जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, लालू यादव के वकील प्रभात कुमार का कहना है कि अगर क्रिएटिनिन लेवल पांच से ऊपर जाता है तो उनको नियमित रूप से डायलिसिस कराना पड़ेगा। हर रोज स्वास्थ्य का अपडेट एम्स को भेजा जाता है।