आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) में हुए हजारों करोड़ के भविष्य निधि (पीएफ) घोटाले के सामने आने के बाद जहां चार दिनों से सपा, भाजपा व कांग्रेस में जबानी जंग छिड़ी हुई है। वहीं अब इस मामले में मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपना हस्ताक्षेप करने के साथ ही योगी सरकार को निशाने पर लिया है। सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाली यूपी की पूर्व सीएम ने आज सपा, भाजपा व कांग्रेस में चल रहे आरोपों के दौर की ओर इशारा करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार महाघोटाला तो रोक नहीं पाई अब आरोप-प्रत्यारोप से क्या होगा।
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बसपा सुप्रीमो ने आज सुबह ही ट्विट करते हुए इस पूरे मामले पर अपना पक्ष साफ किया है। उन्होंने कहा कि यूपी के हजारों बिजली इंजीनियरों/कर्मचारियों की कमाई के भविष्य निधि (पीएफ) में जमा 2200 करोड़ से अधिक धन निजी कंपनी में निवेश के महाघोटाले को भी बीजेपी सरकार रोक नहीं पाई तो अब आरोप-प्रत्यारोप से क्या होगा? साथ ही उन्होंने ये भी अपने ट्विट में कहा कि सरकार सबसे पहले कर्मचारियों का हित व उनकी क्षतिपूर्ति सुनिश्चित करे।
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वहीं अपने एक अन्य ट्विट में मायावती ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इस पीएफ महाघोटाले में यूपी सरकार की पहले घोर नाकामी व अब ढुलमुल रवैये से कोई ठोस परिणाम निकलने वाला नहीं है, बल्कि सीबीआइ जांच के साथ-साथ इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी बड़े ओहदे पर बैठे लोगों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने की जरुरत है जिसका जनता को इंतजार है।
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बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी कही थी ये बातें
वहीं सोमवार को एक ट्विट के जरिए बसपा सुप्रीमो ने प्रदूषण को लेकर मोदी व केजरीवाल सरकार को तत्काल ध्यान देने की सलाह दी थी। मायावती ने इस मुद्दे को लेकर आज सोशल मीडिया के जरिए कहा था कि वायु के अति-प्रदूषित होने के कारण दिल्ली-एनसीआर में स्कूल आदि भी बंद करने पड़े हैं। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व सांप्रदायिक माहौल के साथ-साथ अब सामान्य आबोहवा भी शांति से जीने लायक नहीं बची है। केंद्र व राज्य सरकारें इस आपात स्थिति पर तत्काल समुचित ध्यान दे तो बेहतर है।