अब बिना PhD के बन सकेंगे असिस्टेंट प्रोफेसर

असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की तरफ से असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए नया नियम लाया गया था, जिसमें कहा गया था कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी जरूरी नहीं है, वहीं नीट पास को असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए न्यूनतम योग्यता माना जाएगा।

इस बीच यूपी में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए नेट पास को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है, नई शिक्षा नीति के तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए शुरू की गई प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना को लेकर विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गंभीर पहल की है।

गौरतलब है कि यूजीसी ने यूपी के स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के पद पर नियुक्ति के लिए प्रोत्साहित किया है, इसके साथ ही इस मामले में प्रगति के बारे में जानकारी भी मांगी है।

प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना के तहत देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्तियां होंगी, जिसमें आवेदन करने के लिए पीएचडी और नेट की योग्यता नहीं होगी। वहीं कैंडिडेट्स के पास प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस सर्टिफिकेट होना अनिवार्य होगा।

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साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उद्योग और अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए कौशल आधारित शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके उच्च शिक्षा को बदलने का प्रयास कर रही है। जहां इस दिशा में, यूजीसी ने “प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस” नामक पदों की एक नई श्रेणी के माध्यम से उद्योग और अन्य पेशेवर विशेषज्ञता को शैक्षणिक संस्थानों में लाने के लिए एक नई पहल की है।

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