आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यायलयों में फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले शिक्षकों के पकड़े जाने का क्रम लगातार जारी है। सोमवार को एसटीएफ लखनऊ की टीम ने गोरखपुर से एक फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गए फर्जी शिक्षक सिद्धार्थनगर के एक माध्यमिक विद्यालय में पांच लाख रुपए देकर पांच साल पहले तैनात हुआ था।
लखनऊ एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर गोरखपुर बस अड्डे के पास से पकड़े गए फर्जी शिक्षक की पहचान देवरिया जिले के भाटपार रानी क्षेत्र निवासी बृजकिशोर यादव ऊर्फ भोला के रुप में हुई है।
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बृजकिशोर ने एसटीएफ को आज पूछताछ में बताया है कि भाटपार रानी के ही निवासी राकेश सिंह और उसके सहयोगी अश्वनी कुमार श्रीवास्तव ने उसका फर्जी अंकपत्र व अन्य दस्तावेज तैयार कराकर साल 2015 में सिद्धार्थनगर के सरकारी विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर नौकरी दिलवाई थी। जिसके एवज में उसने पांच लाख रुपए दिए थे।
वहीं एसटीएफ गिरफ्तार किए गए भोला को गोरखपुर की कैंट पुलिस के हवाले करने के साथ ही इस गैंग में शामिल अन्य की तलाश करने में जुट गयी है। साथ ही एसटीएफ यह भी पता लगा रही है कि फर्जी शिक्षक तैयार करने वाले इस गैंग ने अन्य कितने लोगों को फर्जी तरीके से विद्यालय में तैनाती दिलाई है।
गिरफ्तारी में इनकी रही अहम भूमिका-
सीओ एसटीएफ डीके शाही, इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश सिंह, एसआइ एसएन सिंह, आलोक कुमार राय, हेड कांस्टेबल यशवंत सिंह, आशुतोष तिवारी व महेंद्र प्रताप सिंह की फर्जी शिक्षक को पकड़ने में अहम भूमिका रही।