यूपी के सरकारी स्‍कूल में दस साल से नौकरी कर रहे फर्जी प्रधानाध्यापक को STF ने दबोचा, डेढ़ लाख देकर पायी थी कुर्सी

फर्जी प्रधानाध्यापक
पकड़ा गया केशव कांत मिश्रा।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के सरकारी स्‍कूलों में फर्जी अध्‍यापकों का मिलना तो आम बात हो चुकी थी, लेकिन मंगलवार को एसटीएफ ने एक स्कूल में दूसरे के नाम पर नौकरी कर रहे प्रधानाध्‍यापक को धर दबोचा है। देवरिया के स्‍कूल में नौकरी कर रहे इस प्रधानाध्‍यापक ने दस साल पहले डेढ़ लाख रुपए खर्च कर सरकारी कुर्सी हासिल की थी।

एसटीएफ के अनुसार कुछ समय से यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में दूसरे व्यक्ति के शैक्षिक दस्तावेज के आधार पर फर्जी अध्यापकों के नियुक्ति की सूचना एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ को मिल रही थी, इस संबंध में आइजी एसटीएफ अमिताभ यश व एसएसपी एसटीएफ अनिल सिंह सिसोदिया ने एसटीएफ गोरखपुर की टीम को लगाया था। सीओ धर्मेश कुमार शाही के निर्देशन में एसटीएफ की टीम को पता चला था कि कमल कुमार मिश्रा निवासी ग्राम टिकरी खुर्द थाना सिकरारा, जनपद जौनपुर के नाम पर केशव कांत मिश्रा निवासी हरनही, थाना सलेमपुर, जनपद देवरिया फर्जी तरीके से कम्पोजिट विद्यालय जगरनाथ छपरा विकास खण्ड भाटपाररानी, देवरिया में प्रधानाध्यापक के पद पर नौकरी कर रहा है।

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आज दोपहर एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली कि केशव कांत विद्यालय आया है। जिसपर एसटीएफ के इंस्‍पेक्‍टर सत्यप्रकाश सिंह ने एसआइ सूरजनाथ सिंह, हेड कांस्‍टेबल यशवन्त सिंह, कांस्‍टेबल आशुतोष तिवारी व महेंद्र सिंह के साथ कम्पोजिट विद्यालय के बाहर घेराबंदी कर केशवकांत मिश्र को गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ के अधिकारियों के अनुसार पूछताछ में फर्जी प्रधानाध्यापक केशव कांत मिश्रा ने बताया है कि साल 2008 में मुक्तिनाथ नाम के एक व्यक्ति ने कमल कुमार मिश्र के नाम का फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर दिया था एवं साल 2010 में मुक्तिनाथ ने डेढ़ लाख रुपये लेकर उसकी नियुक्ति करा दी थी, जबकि मेरा असली नाम केशव कांत मिश्र है।

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नियुक्ति के लिए केशव कांत ने कमल कुमार मिश्रा के नाम से ही पैन कार्ड, आधार कार्ड एवं निवास प्रमाण पत्र बनवाया था। वहीं पैन कार्ड बनवाने के लिये अंकपत्र आदि कागजात भी मुक्तिनाथ ने बनवाकर दिया था।

एसटीएफ के अनुसार मुक्तिनाथ को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज जा चुका है, जबकि आज गिरफ्तार किये गये अभियुक्त के विरूद्ध देवरिया के भाटपार रानी थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए पुलिस को सौंप दिया गया है। स्‍थानीय पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।

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