मोदी सरकार का बड़ा फैसला, अब हज पर नहीं मिलेगी सब्सिडी

हज सब्सिडी

आरयू वेब टीम। 

मोदी सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए हज यात्रियों को दी जाने वाली सब्सिडी की सुविधा को समाप्‍त कर दिया है। इसी साल से हज सब्सिडी समाप्‍त होने के चलते अब 2018 में हज पर जाने वाले को पूरा खर्च खुद ही उठाना होगा।

केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने आज इस बात की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि सरकार ने अब हज यात्रियों को सब्सिडी ना देने का फैसला किया है। इसके साथ ही मुख्‍तार अब्‍बास ने यह भी दावा किया कि इस सब्सिडी का फायदा गरीब मुसलमानों को नहीं, बल्कि कुछ एजेंसियों को होता था।

नकवी ने कहा कि हमारी सरकार तुष्ट‍िकरण नहीं, सशक्तिकरण चाहती है। सब्सिडी खत्म करने से जो धनराशि बचेगी, उसका इस्तेमाल अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास में होगा। अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों व महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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सरकार के फैसले का बचाव करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार अब गरीब मुस्लिमों के लिए अलग से व्यवस्था करेगी। उन्‍होंने बताया कि हज यात्रा पर मिलने वाली सब्सिडी का फायदा अभी तक सिर्फ एजेंट्स उठा रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इस फैसले के कारण 1 लाख 75 हजार लोग बिना सब्सिडी के हज यात्रा पर जाएंगे।

भारत के हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने की योजना को सऊदी अरब ने मंजूरी दे दी है। मुख्तार अब्बास नकवी ने सऊदी अरब के हज व उमराह मंत्री मोहम्मद सालेह बिन ताहेर बेंटेन के साथ करार किया है। सऊदी अरब की रजामंदी मिलने से 23 साल बाद फिर से समुद्री मार्ग खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। 1995 में इसे बंद किया गया था, उसके बाद से हवाई मार्ग के जरिये लोग हज यात्रा पर जा रहे हैं।

नकवी ने बताया कि सऊदी अरब की रजामंदी मिलने के बाद अब दोनों देश समुद्री यात्रा के तकनीकी पहलुओं पर विचार करेंगे, जिससे आने वाले सालों में इसे शुरू किया जा सकेगा। नकवी का कहना है कि पहले समुद्र के रास्ते हज यात्रा में 12 से 15 दिनों का समय लगता था, लेकिन अब तीन से चार दिन में जहाज से यात्रा समाप्त कर सकते हैं।

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गौरतलब है कि मोदी सरकार हर साल 700 करोड़ रुपए हज यात्रा की सब्सिडी पर खर्च करती थी। बताया जा रहा है कि आजादी के बाद पहली बार हज यात्रियों की सब्सिडी हटाई गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।