आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अगामी लोकसभा चुनाव से पहले जातीय जनगणना कराने की मोदी सरकार से मांग तेज होती जा रही है। कांग्रेस व समाजवादी पार्टी समेत अन्य दल सभी जातियों के लोगों को संख्या के आधार पर अधिकार देने का मुद्दा उठाते रहें हैं। वहीं अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मुद्दे पर यूपी समेत देशभर में जातीय जनगणना कराने की मांग की है। बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा है कि पटना हाई कोर्ट द्वारा जातीय जनगणना पूरी तरह वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहां जातीय जनगणना कब होगी।
मायावती ने बुधवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से ट्वीट कर कहा कि समाज की आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्थिति का सही आंकलन कर उसके हिसाब से विकास योजना बनाने के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना को पटना हाईकोर्ट द्वारा पूरी तरह वैध ठहराए जाने के बाद अब सबकी निगाहें यूपी पर टिकी हैं कि यहां यह जरूरी प्रक्रिया कब?
बीजेपी सरकार इसके लिए तैयार नहीं लगती
वहीं अपने दूसरे ट्वीट में बसपा मुखिया ने कहा कि देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है, लेकिन वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है, यह अति-चिन्तनीय, जबकि बीएसपी की मांग केवल यूपी में नहीं, बल्कि केंद्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।
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सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला
मायावती ने आगे कहा है कि देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी।
गौरतलब है कि जातीय जनगणना को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी अब इस मुद्दे पर ही योगी सरकार से जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से चार हफ्ते में ही इस पर जवाब देने को कहा है।