आरयू ब्यूरो,
लखनऊ/आगरा। पहले चरण में महागठबंधन के पक्ष में हुई वोटों की बारिश से भाजपा घबरा गयी है। लोकतंत्र में भाजपा के लिए अब कोई रास्ता नहीं निकलने वाला है। भाजपा कितना भी ध्यान भटका दे महागठबंधन से बहुत पीछे रहेगी।
ये बातें मंगलवार को यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने आगरा में सपा, बसपा व रालोद की संयुक्त चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा। बीजेपी पर हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा कि आज देश की परिस्थितियां ऐसी है जिन्होंने दो शपथ (सरकार और आरएसएस की) ली है वे संविधान के रखवाले बनने का नाटक कर रहे हैं। संविधान बाबा साहब का दिया है। हजारों साल जिन्होंने कमजोर वर्ग की आवाज दबायी है, वही आज फिर आवाज दबाना चाहते हैं। यही आरएसएस का एजेण्डा है और शपथ भी।
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बीजेपी को निशाने पर लेते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि आगरा हिन्दू-मुस्लिम की मिली-जुली संस्कृति का प्रतीक है। ये पूरी दुनिया में पहचान का मोहताज नहीं है। आगरा मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देता है। जबकि भाजपा दिलों में खाई पैदा करने के साथ ही डराकर राजनीत कर रहा है। जबकि महागठबंधन नफरत की दीवार गिराने और दिलों को जोड़ने की राजनीति कर रहा है।
भाजपा सरकारों की कुनीतियों से बंद हो गया जनता की उम्मीदों का रास्ता
मोदी और योगी सरकार पर सवाल उठाते हुए सूबे के पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा सरकारों की कुनीतियों से किसान बर्बाद हो गया है। जनता की उम्मीदों का रास्ता बंद हो गया है। नौजवानों को भविष्य नहीं दिख रहा है। आगरा में छोटे-छोटे कारीगर नोटबंदी की वजह से दोबारा रोजगार नहीं शुरू कर पाये। सरकार ने अभी तक नोटबंदी के आंकड़े नहीं जारी किये हैं। भाजपा नोटबंदी कर सकती है तो जनता के पास वोटबंदी की ताकत है। भाजपा सरकार में देश के एक प्रतिशत लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। आंकड़े बताते हैं कि मोदी जी एक प्रतिशत लोगों के ही प्रधानमंत्री है।
आगरा को राजधानियों से जोड़ा है सपा-बसपा की सरकार ने
इस दौरान अखिलेश ने यूपी की पिछली सपा सरकार के साथ ही बसपा सरकार के काम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा की सरकार ने आगरा को राजधानियों से जोड़ा है। मायावती ने जहां बसपा सरकार में आगरा को यमुना एक्सप्रेस-वे से दिल्ली तक जोड़ा वहीं, सपा सरकार में आगरा एक्सप्रेस-वे के माध्यम से लखनऊ तक जोड़ने का कार्य हुआ। जबकिभाजपा सरकार ने आगरा के विकास को रोक दिया।
काम आने वाला नहीं है भाजपा का षडयंत्र: अजीत सिंह
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह ने रैली में कहा कि जनता में जो उत्साह, जोश और उमंग है उससे भाजपा का सफाया होना तय है। पहले चरण के मतदान से ही अंदाजा हो गया है कि भाजपा का षडयंत्र काम आने वाला नहीं है। जनता ने मान लिया है कि भाजपा के बुरे दिन शुरू हो गए हैं और उसके अच्छे दिन आने वाले है।
मोदी ने सभी को किया परेशान
हमला जारी रखते हुए अजीत सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने सभी को परेशान किया है। नोटबंदी और जीएसटी से व्यापार चौपट हुआ है। और अब भाजपा की नफरत की राजनीति का हिसाब जनता भाजपा को चुनावों में पराजय का करारा सबक देकर करेगी।
पुलवामा हमले में खुफिया तंत्र की विफलता पर माफी मांगने के बजाय…
वहीं बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने गठबंधन की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार पूरे पांच साल के कार्यकाल में हर मामले में विफल रही है। उसके वादे पूरे नहीं हुए। अब पुलवामा हमले में खुफिया तंत्र की विफलता पर माफी मांगने के बजाय उसको भुनाने का काम हुआ है। धार्मिक भावनाएं भड़काकर भाजपा नेता लोगों का ध्यान बंटा रहे हैं। ये धोखा देते आए हैं।
अली-बजरंगबली के नाम पर बांटने की कोशिश
सीएम योगी का जिक्र करते हुए बसपा नेता ने आगे कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री ने अपनी जनसभाओं में अली बजरंगबली के नाम पर बांटने की कोशिश की। बहन मायावती को बताना पड़ा कि इसकी आड़ में चुनाव जीतने की साजिश हैं। उन्होंने तो इसके साथ सर्वसमाज से अपील की थी कि वे लोग धर्म के आधार पर वोट न डालें।
मोदी के बयानों पर क्यों नहीं जाता ध्यान
वहीं मायावती पर चुनाव आयोग द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने पर सतीश चंद्र मिश्रा ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि गठबंधन के पक्ष में लाखों की भीड़ देखकर भाजपाई इतना भयभीत हुए है कि चुनाव आयोग का सहारा लेकर मायावती को चुनाव प्रचार से पाबंद कराने का काम किया यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। चुनाव आयोग दबाव में काम कर रहा है ये उसकी दलित विरोधी मानसिकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों पर उसका ध्यान क्यों नहीं जाता है।