सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली मायावती को राहत, BSP सुप्रीमो ने कहा मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रहा चुनाव अयोग

बद्रीनाथ ज्ञानवापी पर बयानबाजी
मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू वेब टीम। मंगलवार सुबह छह बजे से 48 घंटे तक चुनाव प्रचार पर रोक लगाने के मामले में आज बसपा सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट ने भी राहत देने से इंकार कर दिया है। मायावती के सुप्रीम कोर्ट का मंगलवार को दरवाजा खटखटाने पर उच्‍चतम न्‍यायालय ने कहा कि इस संबंध में याचिका दायर करें, फिर हम सुनवाई करेंगे।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग ने अचार सहिंता तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। वहीं मायावती की ओर से दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि चुनाव आयोग ने मनमाने तरीके से उनके चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस पर चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाई जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप याचिका दाखिल करें, तब हम सुनवाई करेंगे। मायावती की ओर से कहा गया कि उनको रैली-जनसभा करनी है और फिलहाल समय नहीं है।

वहीं मायावती, सीएम योगी आदित्‍यनाथ, सपा नेता आजम खान व भाजपा नेता मेनका गांधी पर चुनाव आयोग का हंटर चलने के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगता है कि चुनाव आयोग हमारे आदेश के बाद जाग गया है और उसने कई नेताओं को चुनाव प्रचार से कुछ घंटों के लिए बैन लगाया है।

यह भी पढ़ें- चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई योगी आदित्‍यनाथ और मायावती के चुनाव प्रचार करने पर लगाई रोक

दूसरी ओर चुनाव आयोग के फैसले के बाद बसपा सुप्रीमो ने सोमवार की देर रात एक प्रेसवार्ता कर चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार और भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा उनपर रोक लगाने का आरोप भी लगाया है। साथ ही उन्‍होनें सीएम योगी पर हुई कार्रवाई को मात्र दिखावा और मामले को बैलेंस करने वाली कार्रवाई बताते हुए कहा कि इससे भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है, क्‍योंकि योगी भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नहीं है।

यूपी की पूर्व सीएम ने चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी के नेताओं खासकर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा रहा है, जबकि वे लोग बार-बार पाबंदी के बावजूद धर्म के साथ-साथ सेना का भी लगातार चुनावी स्वार्थ के लिए राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं। यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है।

आगरा में आयोजित गठबंधन की रैली में हिस्‍सा लेने से रोकने की साजिश

वहीं मायावती ने चुनाव आयोग की कार्रवाई को एक साजिश करार देते हुए कहा कि भाजपा मोदी व योगी सरकार ने गठबंधन की रैलियों से दहशत में हैं। यही वजह है कि मंगलवार को आगरा में होने वाली गठबंधन की रैली में हिस्‍सा लेने से ठीक पहले ही मेरे ऊपर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस दौरान उन्‍होंने मीडिया के जरिए अपने समर्थकों से भी कहा कि उन्‍हें निराश होने की जरूरत नहीं है, बल्कि भाजपा की इस हरकत का ब्‍याज समेत उसे हराकर जवाब देने की है।

यह भी पढ़ें- महारैली में बोलीं मायावती, चौकीदारी की नाटकबाजी भी भाजपा को नहीं बचा पाएगी, कांग्रेस पर भी बरसे अखिलेश-माया

वहीं सहरानपुर वाले अपने बयान पर सफाई देते बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उन्‍होंने देवबंद में कुछ भी गलत नहीं कहा था। उन्‍होंने तो देवबन्द में बीजेपी को हराने के लिए रिश्तों-नातों व कांग्रेस में वोट ना बांटकर मुस्लिम समाज से गठबंधन को ही वोट देने की अपील ना तो धार्मिक आधार पर की थी और ना दो धर्मों के बीच नफरत फैलाने के लिए, क्योंकि गठबंधन के साथ-साथ कांग्रेस का भी उम्मीदवार मुस्लिम ही हैं।

यह भी पढ़ें- भाजपा ने चुनाव आयोग से की मायावती पर कार्रवाई की मांग, कहा बसपा सुप्रीमो आगे भी भाषण से फैला सकती हैं धार्मिक उन्‍माद

इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से उन्‍हें 11 अप्रैल को नोटिस जारी किया गया था। जिसका जवाब वो 12 अप्रैल को ही दे चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी उन पर अनुचित व असंवैधानिक तरीके से 48 घंटे के रोक लगा दी गयी है।

यह भी पढ़ें- AAP ने किया चुनाव आयोग के बाहर प्रदर्शन, कॉल सेंटर पर पड़े छापों पर जताई नाराजगी