मध्‍य प्रदेश: AIMS डॉक्टरों की पिटाई को पूर्व CM कमलनाथ ने बताया शर्मसार करने वाली घटना, कि सख्त कार्रवाई की मांग

कमलनाथ
(फाइल फोटो।)

आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस की बढ़ती महामारी के बीच अक्‍सर ही डॉक्‍टरों व मेडिकल स्‍टाफों से अभद्रता का मामला सामने आ रहा है। ऐसा ही एक मामला भोपाल एम्स का सामने आया है। जहां के दो पीजी डॉक्टर्स की पिटाई की गई। वहीं डॉक्‍टर्स की पिटाई को लेकर राज्य के पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से ट्वीट कर कहा कि ‘भोपाल एम्स के दो पीजी डॉक्टर्स, जिनमे एक महिला डॉक्टर हैं। इनकी पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई की घटना सामने आई है, जो कि बेहद शर्मनाक है। कोरोना महामारी के संकट के इस दौर में अपनी जान जोखिम में डाल जनता की सेवा कर रहे इन कर्मवीर योद्धाओं पर हमें गर्व है।’

वहीं अपने एक अन्‍य ट्वीट में मुख्‍यमंत्री ने कहा कि ऐसे में इनकी पिटाई की घटना बेहद निंदनीय होने के साथ ही शर्मसार करने वाली है। सरकार तत्काल इस पूरे मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे व ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो, इसको लेकर प्रदेश में निर्देश जारी करे।

बताते चलें कि भोपाल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो डॉक्टरों ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। इनमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल है। डॉक्टरों का आरोप है कि बुधवार शाम करीब 6.30 बजे इमरजेंसी ड्यूटी के बाद घर जाते समय पुलिस ने उनकी पिटाई की।

यह भी पढ़ें- #CoronaVirus: प्रियंका गांधी की अपील आइए मिलकर करें महामारी को परास्‍त, Video संदेश में बचाव के तरीके भी बताए, आप भी देखें

पीड़ित डॉक्टरों डॉ. रितु पर्ना और डॉ. युवराज सिंह ने एम्स के निर्देशक को पत्र लिखकर कहा है कि वे अपनी शिफ्ट पूरी करने के बाद एम्स के गेट नंबर एक से बाहर निकल रहे थे। उस समय गेट के पास कुछ पुलिसकर्मी तैनात थे। पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोककर अभद्र भाषा में बाहर घूमने का कारण पूछा। इस पर दोनों डॉक्टर्स ने उन्हें अपने पहचान पत्र दिखाए और अस्पताल से ड्यूटी खत्म होने के बाद घर जाने की बात कही।

दोनों डॉक्टर्स का आरोप है कि उनका जवाब सुनते ही पुलिसकर्मियों ने उनसे मारपीट शुरू कर दी और गाली-गलौज की। पुलिस की मारपीट में डॉ. रितु पर्ना के पैर और डॉ. युवराज सिंह के हाथ में चोट आई। डॉ. रितु पर्ना ने कहा कि हमने उन्हें अपने परिचय पत्र दिखाए, वे नहीं माने। हमसे कह रहे थे कि ऐसे डॉक्टर ही कोरोना वायरस फैला रहे हैं और देश का भंटाढार कर रहे हैं।

वहीं बाग सेवनिया पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन के बावजूद एम्स के पास कुछ दुकानें खुलने और लोगों के सामान खरीदने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। इसके बाद पहुंची पुलिस ने लोगों को वहां से खदेड़ दिया। इसी दौरान कुछ लोगों को चोट पहुंची होंगी। पुलिस का कहना है कि संबंधित डॉक्टर अपनी परिचित के साथ बगैर मॉस्क के सामान खरीदने दुकान पर गए थे।

यह भी पढ़ें- देश में कोविड-19 से संक्रमित पहले डॉक्टर की मौत, इंदौर में अब तक 22 लोगों ने गंवाई जान