स्वतंत्रता दिवस पर अखिलेश का पीएम मोदी पर हमला, परिवारवाद का बड़ा उदाहरण यूपी के मुख्यमंत्री

स्वतंत्रता दिवस
मीडिया से बात करते अखिलेश यादव।

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 77वां स्वतंत्रता दिवस पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सैफई के मेला ग्राउंड में पहुंचकर 158 फीट ऊंचे तिरंगे को लहराया। इस दौरान सपा अध्यक्ष ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। साथ ही भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के आह्वान पर लगातार क्रांतिकारियों के संघर्ष और अनगिनत लोगों की कुर्बानी के बाद भारत को आजादी मिली। हम सब उन्हें याद करते हैं और आज के दिन संकल्प लेते हैं कि जो सपने स्वतंत्रता सेनानियों ने देखे थे, हम लोग उन्हें पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहेंगे।

वहीं प्रधानमंत्री द्वारा ऐसे फैसले लिए जाएंगे जो 1000 वर्षों तक याद किये जायेंगे, इस सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि जो निर्णय हो वह मानवता को आगे बढ़ाने का होना चाहिए। हमारे और आपके लिए यह सबसे बड़ी बात यही है। हमारे देश की सबसे बड़ी पहचान यही है कि हम मानवतावादी लोग हैं। वहीं, पीएम द्वारा वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति से देश नष्ट हो गया है इस के जवाब में अखिलेश ने कहा कि पीएम को यूपी के मुख्यमंत्री को भी देखना चाहिए। वो परिवारवाद के हमसे पहले उदाहरण बने हैं। हम लोग तो बाद में उदाहरण बने हैं। हमसे पहले परिवारवाद किसी ने अपनाया है तो वो भाजपा है।

देश का हर किसान खुशहाल कैसे हो

साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि यूनिटी और डायवर्सिटी को साथ लेकर चलना होगा। आगे कहा कि दुनिया के दूसरे देशों से तुलना करते हैं तो पता चलता है कि भारत को जितना आगे बढ़ना चाहिए था, वह अभी उतनी रफ्तार और तेजी से नहीं बढ़ा है। दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी भारत की है। हमारे नौजवानों की संख्या भी बड़ी है ऐसे में देश का हर किसान खुशहाल कैसे हो, हर नौजवान के हाथ में नौकरी और रोजगार कैसे हो, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर कैसे बेहतर हो, गरीबों को सुविधाएं कैसे मिलें, सुरक्षा की भावना कैसे पैदा हो इस बारे में सोचना और आगे बढ़ना चाहिए।

देश की यूनिटी और डायवर्सिटी को साथ…

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि हमारे देश में जो विविधता है वह शायद दुनिया के किसी अन्य देश में नहीं है। हमें अपने देश की यूनिटी और डायवर्सिटी को साथ लेकर चलना होगा। सपा अध्यक्ष ने पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि दुनिया बहुत आगे बढ़ चुकी है, जिस रूप में हमारा देश आजाद हुआ था, अभी वैसा नहीं है। आजादी मिलने के बाद हमारे देश की सीमाएं सिकुड़ती रहीं, सरकारें सोती रहीं। पड़ोसी देशों ने हमारे देश की सीमाओं पर कब्जा कर लिया। आज हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हमारा देश मजबूत और हमारी सीमाएं भी सुरक्षित हों।

लोकतंत्र की स्वतंत्रता में हम कहां खड़े

इस दौरान सपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री के संबोधन में अर्थव्यवस्था के पांचवें नंबर पर पहुंचने को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत की आबादी बड़ी है। सरकार अपना योगदान कम भी दे, उसके बाद भी यहां की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है। लोकतंत्र की स्वतंत्रता में हम कहां खड़े हैं? प्रेस की आजादी में हम कहां खड़े हैं और करप्शन में हम कहां खड़े हैं? असल में समस्याओं का पता यहां से चलता है। कहने को हमारा डेमोग्राफिक पैटर्न ठीक है। कम उम्र के लोग ज्यादा हैं।

महंगाई देश के लिए चिंता का विषय

अखिलेश ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि नौजवानों के हाथों में नौकरी और रोजगार दें। सरकार ऐसी व्यवस्था बनाए, जिससे उनके सपने पूरे हो सकें। महंगाई देश के लिए चिंता का विषय है। अगर इसी तरीके से महंगाई बढ़ती रही और लोगों के हाथ में रोजगार, नौकरी नहीं रही तो हमारे देश कहां जा रहा है, इसके बारे में सोचना होगा।

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