आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को जनेश्वर मिश्र पार्क पहुंचकर जनेश्वर मिश्र की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया। वहीं इस दौरान बंगले में तोड़फोड़ को लेकर चल रहे विवाद पर अखिलेश यादव ने कहा कि जब उन्होंने घर खाली किया था तो कुछ लोग रात में मेरे घर में कुदाल और हथौड़ा लेकर गए थे। रात में जो लोग हथौड़ा लेकर गए थे, उनका नाम उजागर होना चाहिए।
अखिलेश यादव ने ईनाम घोषित करते हुए कहा कि रात में हथौड़ा लेकर कौन हमारे घर गया। अगर कोई नाम बता दे तो हम उन्हें 11 लाख रुपए देंगे। इस दौरान अखिलेश यादव ने बंगले में अवैध निर्माण को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि हमसे जो घर छीना गया, वो हमारा घर नहीं सरकारी था। हमने कोई अवैध निर्माण नहीं कराया। हमने सभी एनओसी का सबूत दे दिया। एलडीए से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया था।
वहीं योगी सरकार के मंत्रियों पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार के मंत्री चिठ्ठी लिखकर हमारा घर मांग रहे हैं। उनको राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह का घर नहीं पसंद आया। हमारा घर पसंद आया, तो समझो काम किसने किया?
कार्यक्रम के दौरान बलिया से निकली साइकिल रैली का स्वागत करने के साथ ही सपा के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं से अखिलेश यादव ने मुलाकात भी की। वहीं इस मौके पर जनेश्वर मिश्र से संबंधित पुस्तक का विमोचन करने के साथ ही उन्हें याद करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि जनेश्वर मिश्र लोगों का दर्द समझने वाले थे। वह गरीब, किसान हर वर्ग के नेता थे।
कार्यक्रम के दौरान सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी, अहमद हसन, राजेंद्र चौधरी, एसआरएस यादव, अरविंद सिंह गोप समेत सपा के अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें।
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