अखिलेश ने कहा, गांधी जी के हत्‍यारें हैं, प्रधानमंत्री की ताकत, किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर भी बरसे सपा सुप्रीमो

गांधी जी की हत्‍या
सभा को संबोधित करते अखिलेश यादव।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। दिल्ली की सत्‍ता वाले लोगों ने महात्‍मा गांधी को तो छोड़ दिया, लेकिन उनका चश्मा हथिया लिया। स्वच्छता अभियान के नाम पर झाडूवाली सफाई हो रही है, पर जब तक दिल-दिमाग की गंदगी साफ नहीं होगी स्वच्छता की बात बेमानी होगी।

ये बातें मंगलवार को जयंती के मौके सपा मुख्‍यालय पर महात्‍मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्‍हें याद करने के बाद पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कही। सपा अध्‍यक्ष ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों महान विभूतियों ने समाज और देश को दिशा दी है। जिसके लिए भारत समेत पूरी दुनिया में इनका सम्‍मान है। आज इन्‍हीं के रास्‍ते पर चलने का हम सबको संकल्प लेना है।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि गांधी जी की हत्‍या करने वाले आज देश के प्रधानमंत्री की ताकत हैं। जबकि भाजपा के पीछे आरएसएस और उद्योगपतियों का गठजोड़ है। भाजपा गुजरात में उस सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा लगा रही हैं, जिन्होंने भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था।

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आज यूपी गेट पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी व योगी सरकार का रवैया किसान विरोधी है। एक तरफ किसान अपनी फसल का उचित लागत मूल्य नहीं पा रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा ने चुनाव के पहले किसानों से जो लुभावने वादे किए थे, वो हवा-हवाई साबित हुए। अब अन्नदाता अपने साथ हुए धोखे की वजह से आक्रोशित है। भाजपा सरकार की दोषपूर्ण नीतियों के कारण ही किसान सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर है। मोदी सरकार के चार साल से अधिक के कार्यकाल में भाजपा ने किसानों के साथ किया कोई वादा पूरा नहीं किया। स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश अभी तक लागू नही हुई।

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अखिलेश यादव ने आगे कहा कि किसान गांधी जयंती पर राजघाट जाकर प्रार्थना करना चाहते थे, लेकिन भाजपा सरकार किसानों की आवाज दबाना चाहती है। लोकतंत्र में जनता की आवाज को अनसुना करना दुर्भाग्यपूर्ण है। दिल्ली में बैठे लोग खुद को मालिक समझ बैठे हैं। जनता उनको सबक सिखाना जानती है।

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बैठक में सपा के वरिष्‍ठ नेता रामगोविंद चौधरी, अहमद हसन, नरेश उत्तम पटेल, राजेंद्र चौधरी, महबूब अली, आरके चौधरी, एसआरएस यादव, सुशीला सरोज, नरेंद्र वर्मा,  जगजीवन प्रसाद, संजय गर्ग, अरविंद कुमार सिंह, जियाउद्दीन रिजवी, डॉ. मधु गुप्ता समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहें।